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उत्तराखंड में है रोमांच के दीवानों के लिए बहुत कुछ

देहरादून। उत्तराखंड के कुमाऊं इलाके की अद्भुत खूबसूरती के बीच चीड़, बलूत और देवदार के पेड़ों से घिरी सात मीठे पानी की झीलों को मिलाकर बना सत्ताल एक अछूता इलाका है। सत्ताल अपने हरे-नीले रंग वाले पानी के लिए मशहूर है, जो आत्म अनुभूति के लिए आने वालों को ध्यान और परमानंद की स्थिति में पहुंचा देता है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने अब इस सुरम्य क्षेत्र में आने वाले रोमांच के दीवानों के लिए एक नई पहल की है। सत्ताल के बिल्कुल साफ पानी के ऊपर ज़ोरबिंग (इंसान को अंदर बिठाने वाली रबर की पारदर्शी विशालकाय गेंद)  बच्चों और वयस्कों दोनों को समान रूप से पसंद आ रही है। यों तो उत्तराखंड हिमालय अपने मनोरम दृश्यों और दूर-दराज वाली झीलों, नदियों, संरक्षित जीवमंडल और केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे तीर्थस्थलों की अद्भुत सुंदरता के लिए मशहूर है, लेकिन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन काफी महत्वपूर्ण है। चूंकि कोरोना काल के बाद पर्यटन और यात्राओं को फिर से शुरू किया जा रहा है, इसलिए राज्य अब रोमांचकारी पर्यटन पर नए सिरे से ध्यान देने के साथ पर्यटकों को दी जानी वाली अपनी तमाम पेशकशों का विस्तार करने का प्रयास कर रहा है।

सत्ताल में ज़ोरबिंग की तरह, मसूरी, ऋषिकेश और नैनीताल के प्राचीन आवासों में एड्रेनेलाइन यानी जबर्दस्त रोमांच के दीवाने के लिए एक और एक्शन से भरपूर गतिविधि सामने आ रही है। अब पर्यटक यहां पर एक नए अवतार में जिपलाइनिंग के रोमांच का अनुभव कर सकते हैं, जिसमें दो ऊंची पहाड़ियों के बीच एक ज़िपलाइन पर साइकिल चलाने का मौका मिलेगा और पैरों के नीचे बर्फ से ढके पहाड़ों को देखकर आंखें हैरान और दिल की धड़कनें परेशान करने वाली हो सकती हैं। वहीं, ऋषिकेश जैसा शांत शहर रोमांच के ग्राफ को कई पायदान ऊपर ले जा रहा है। अगर ज़िपलाइनिंग और बेहद लोकप्रिय रिवर राफ्टिंग, कयाकिंग और बंजी जंपिंग डेयरडेविल्स (रोमांच चाहने वालों) की भूख को शांत करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो यहां अब पर्यटकों को बेहद विशालकाय झूले पर झूलने का मौका मिल सकता है, जिस पर बैठकर झूलना यानी सातवें आसमान की सैर करने जैसा है। खुली वादियों के बीच बने इस विशालकाय झूले पर बैठकर झूलना कमजोर दिल वालों का खेल नहीं है।

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