जज्बा : पति के धोखे ने बनाया IAS अधिकारी
गुजरात | हम में से ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि शादी हमारी जिन्दगी को परिपूर्ण बनाती है | जब तक शादी नहीं हुई थी, तब तक कोमल का भी ये ही मानना था | कोमल की शादी एक एनआरआई से हुई, जो शादी के 15 दिनों बाद ही उन्हें छोड़कर चला गया | इसके बाद कोमल ने यूपीएससी की तैयारी की और पांच साल की कड़ी मेहनत के बाद उसमें सफल रहीं | आज हम आपको कोमल गणात्रा के सफलता की कहानी बता रहे हैं, जो रक्षा मंत्रलालय में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर की हैसियत से काम कर रही हैं | कोमल ने यूपीएससी की तैयारी के लिये ना तो इंटरनेट की मदद ली और ही कोई कोचिंग की | यहां तक कि जिस गांव में वह रहती थीं, वहां अंग्रेजी अखबार भी नहीं मिलते थे | शादी के 15 दिनों बाद ही पति ने उन्हें छोड़ दिया था | ऊपर से समाज का दबाव भी था कि पति को तलाक देकर दूसरी शादी लो | ऐसे विपरीत हालात में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा कैसे पास की आप जरूर जानें | कोमल की पढ़ाई गुजरात में हुई | उनकी बचपन की शिक्षा भी गुजराती भाषा में ही हुई |:कोमल कहती हैं कि मातृ भाषा में पढ़ाई करने का उन्हें गर्व है और उनकी सफलता में मातृभाषा का गहरा रोल रहा है. उन्होंने अपनी पूरी यूपीएससी परीक्षा गुजराती मीडियम में दी और जिस साल कोमल ने यूपीएससी क्लियर किया, उस साल वह गुजराती लिटरेचर की टॉपर थीं. शादी से पहले ही कोमल ने गुजरात पब्लिक सर्विस कमिशन का मेन्स क्लियर कर लिया था | लेकिन उनके पति नहीं चाहते थे कि वह इंटरव्यू दें | उनके पति एनआरआई थे और न्यूजीलैंड में रहते थे | कोमल ने हालात के साथ समझौता कर लिया और अपने प्यार की खातिर इंटरव्यू में शामिल नहीं हुईं | लेकिन शादी के महज 15 दिनों बाद ही उनका पति उन्हें छोड़ कर न्यूजीलैंड चला गया | वहां जाकर, कोमल से उसने कभी कोई संपर्क नहीं किया | कुछ दिनों तक पति का इंतजार करने के बाद कोमल को ये बात समझ आ गया था कि किसी इंसान के पीछे भागना, आपकी जिन्दगी का मकसद नहीं हो सकता |वह अब अंदर से और मजबूत हो गई थीं | कोमल के अनुसार हर इंसान किसी खास उद्देश्य के लिये बना होता है | बस उसे अपनी क्षमता को पहचानना है | थ्योरिटिकल जानकारी नहीं | वह आपकी व्यवहारिक जानकारी को जांचती है | लेकिन तैयारी के दौरान अपना धैर्य बनाए रखना जरूरी है| तैयारी के वो पांच साल कोमल के सबसे ज्यादा संघर्ष वाले थे | लेकिन कोमल कहती हैं कि जीवन में जब भी मुश्किल दौर आते हैं , वह आपको आगे ले जाने के लिये ही आते हैं | आपका संघर्ष कभी आपको पीछे नहीं ले जाता. बल्कि वह आपको हमेशा आगे ही ले जाता है |