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प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक विपुल शाह उत्तराखण्ड में नयी फिल्म को लेकर उत्सुक -

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बिना पंजीकरण चारधाम न आएं तीर्थयात्री, जानिए खबर -

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उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा में चयनित जज काजल रानी हुई सम्मानित -

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खलांगा पर्यावरण को लेकर दून की सामाजिक संस्थाएं हुई एकजुट, जानिए खबर -

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देहरादून : अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा ने रुद्राक्ष के पेड़ों का किया वृक्षारोपण -

Saturday, May 11, 2024

एस्ट्राजेनेका कम्पनी ने दुनियाभर से कोविशील्ड कोरोना टीका वापस मंगाया, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

देहरादून : कौन कौन से अवैध बस्तियों पर चलेगा बुलडोजर, जानिए खबर -

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सेंट मेरी स्कूल में “ब्लड डोनेशन कैम्प” का आयोजन, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

केजरीवाल जेल से आये बाहर, किया हनुमान का दर्शन, जानिए खबर -

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अक्षय तृतीया पर भव्य चंदन यात्रा दर्शन का आयोजन -

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पहचान : रवि बिजारनिया बने पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष -

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नगर निगम चुनाव देहरादून : महिलाओ के लिए 34 सीट होंगी आरक्षित -

Sunday, May 5, 2024

केन्या में एक बार फिर बाढ़ और भारी बारिश का कहर 150 लोगो की मौत, -

Wednesday, May 1, 2024

पहचान : पर्यावरण संरक्षण रत्न अवार्ड से अंकित तिवारी हुए सम्मानित -

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Sunday, April 28, 2024

देहरादून : भारूवाला ग्रांट वार्ड में सफाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन, जानिए खबर -

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जौनपुर : परीक्षा में “जय श्रीराम ” लिख कॉपिया भरी, पास हुए, अब शिक्षक हुए निलंबित -

Saturday, April 27, 2024

तीन महिलाओं को “वैम्पायर फेशियल” करवाना भारी पड़ा, हो गईं एड्स की शिकार, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

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Saturday, April 27, 2024



MAX ने 6 साल की बच्ची को नया जीवन दिया

dr MAX

देहरादून | छह साल की शशि रानी (बदला हुआ नाम) को मुजफ्फरनगर से MAX अस्पताल देहरादून भेज दिया गया। भर्ती के समय वह अपनी दोनों आंखों की दृष्टि खो चुकी थी और पिछले दस दिनों से वह इस परेशानी से जूझ रही थी। वह सुस्त और नींद सी अवस्था में थी, उसका वज़न और भूख भी कम हो गर्ठ थी। डाॅ. ए. के. सिंह और डाॅ. प्रियम्वदा की टीम ने जांच करने पर पाया कि बच्ची ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त थी। उसके दिमाग में एक बड़ा ट्यूमर था जिसके कारण उसकी आॅप्टिक तंत्रिका दब गई थी और इसका असर उसकी देखने की क्षमता पर पड़ा था। यह बहुत ही जटिल मामला था, रोगी के बचने की सम्भावना बहुत कम थी। डाॅक्टर मरीज़ के उपचार के लिए तैयार थे लेकिन बच्ची के पिता दुविधा में थे। वे बच्ची की जान बचाना चाहते थे, लेकिन उनके पास पैसे का इंतज़ाम भी नहीं था। उन्होंने अपनी यह परेशानी मैक्स अस्पताल, देहरादून के प्रबन्धन को बताई और MAX इण्डिया फाउन्डेशन की उदारता के चलते उनकी यह समस्या हल हो गई।

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