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लॉकर में नुकसान, तो बैंक नहीं जिम्मेदार !

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नई दिल्ली। हम और आप कीमती सामान की सुरक्षा के लिए बैंक लॉकर को सबसे सुरक्षित और बेहतर विकल्प मानते हैं। बैंक लॉकर में कीमती सामान को रखकर हम सभी निश्चित हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो जरा इस खबर को पढ़िए। यदि किसी सरकारी बैंक के लकिंर में जमा की गईं आपकी कीमती चीजें चोरी हो जाती हैं या फिर कोई हादसा हो जाता है तो इसके बदले में बैंक से किसी अपेक्षा की उम्मीद न करें। जिस लॉकर के लिए आप बैंकों को सालाना मोटी फीस देते हैं अगर उसमें से आपका सामान चोरी होता है तो बैंक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। हाल के दिनों में बैंकों के लकिंर से सामान के चोरी होने की घटनाएं आम हो गई हैं। लकिंर में सामान रखकर आमतौर पर लोग यहीं सोचते हैं कि उनकी चिंताएं दूर हो गई, लेकिन ऐसा नहीं है। लकिंर में रखे सामान के लिए आपका बैंक जिम्मेदार नहीं है। अगर बैंक लकिंर से आपका सामान चोरी होता है या कोई क्षति होती है तो इसके लिए बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। भारतीय रिजर्व बैंक और सरकारी क्षेत्र के 19 बैंकों ने आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है।  इस खुलासे से हैरान आरटीआई आवेदक अधिवक्ता कुश कालरा ने बैंकों के इस रवैये की शिकायत पारदर्शिता के नियम में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से करने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि बैंकों का यह कहना उनकी गुटबंदी और गैर-प्रतिस्पर्धिता को दर्शाता है। आरटीआई ऐक्टिविस्ट कालरा ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को बताया कि आरबीआई ने याचिका के जवाब में कहा है कि उसने इस बारे में कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया है। आरबीआई ने बैंकों को इस बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया है कि लकिंर से चोरी या फिर कोई हादसा होने पर ग्राहक को कितनी भरपाई की जाएगी। यही नहीं, आरटीआई में मांगी गई जानकारी में सभी सरकारी बैंकों ने नुकसान की स्थिति में किसी भी तरह की भरपाई करने से पल्ला झाड़ लिया। कालरा ने बताया, आरटीआई के जवाब में सभी 19 बैंकों ने अजीब तर्क देते हुए कहा कि हमारा रिश्ता ग्राहक से मकान मालिक और किरायेदार जैसा है। इन बैंकों में बैंक अफिं इंडिया, ओरिएंटल बैंक अफिं कमिंर्स, पंजाब नैशनल बैंक, यूको और कैनरा जैसे बैंक शामिल हैं। बैंकों का कहना है कि मकान मालिक और किरायेदार जैसे संबंध में ग्राहक लकिंर में रखे गए अपने सामान का खुद जिम्मेदार है, भले ही वह लकिंर बैंकों के मालिकाना हक में है। कुछ बैंकों ने अपने लकिंर हायरिंग अग्रीमेंट में भी स्पष्ट किया है कि लकिंर में रखा गया आइटम कस्टमर के अपने रिस्क पर है।अधिकतर बैंकों के लकिंर हायरिंग अग्रीमेंट्स के मुताबिक, बैंक लकिंर में जमा किसी भी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यदि चोरी, गृह युद्ध, युद्ध छिड़ने या फिर किसी आपदा की स्थिति में कोई नुकसान होता है तो ग्राहक को ही उसकी जिम्मेदारी उठानी होगी। इसके प्रति बैंक जवाबदेह नहीं होगा।श् लकिंर हायरिंग अग्रीमेंट के मुताबिक, बैंक अपनी ओर से लकिंर की सुरक्षा के लिए सभी प्रयास करेंगे। लेकिन, किसी भी तरह के नुकसान की स्थिति में बैंक की जवाबदेही नहीं होगी।

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