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जरा हटके : आत्मनिर्भर भारत अभियान की ओर अग्रसर “हिमालय ट्री”

देहरादून में दो युवाओं द्वारा शुरू की गई स्टार्ट-अप कंपनी हिमालय ट्री

देहरादून / नई दिल्ली | साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते कई लोगो को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा और युवाओं का ध्यान स्टार्ट-अप की ओर केंद्रित होने लगा। कोरोना काल में प्रदेश की राजधानी देहरादून में दो युवाओं द्वारा शुरू की गई ऐसी ही एक स्टार्ट-अप कंपनी, हिमालय ट्री स्थानीय जैविक उत्पादों को बढावा देने, उन्हें बाजार उपल्ब्ध कराने एवं स्वरोजगार को बढावा देने के अपने लक्ष्य की ओर लगातार अग्रसर है। उद्योग निदेशालय, उत्तराखंड ने हिमालय ट्री द्वारा पंजीकृत कराई गई सहकारिता विश्वनाथ घाटी मधुमक्खी पालन स्वायत्त सहकारिता को राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रतिभाग के लिए चयनित किया। हिमालया ट्री बीते 12 दिनों से इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन (ITPO) द्वारा आयोजित 40 वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रतिभाग कर रही है। 14 दिनों का ये विश्व प्रसिद्ध ट्रेड फेयर 27 नवंबर तक चलेगा। ट्रेड फेयर की इस साल की थीम आत्मनिर्भर भारत को यह कंपनी बखूबी बयां करती है। सतत कृषि उत्पादन एवं स्वरोजगार को बढ़ाने की तरफ एक कदम हिमालय ट्री के मैनेजिंग पार्टनर सुमन देव सुरीरा का कहना है कि मधुमक्खियां दुनिया भर में सबसे प्रमुख और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण परागणकर्ता है। परागण विभिन्न खाद्य फसलों की उत्पादकता के लिए महत्पूर्ण है। लेकिन मधुमक्खियों के लगातार विलुप्त होने के कारण हमारी खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ रही है क्योंकि हमारे दैनिक भोजन का 70% हिस्सा मधुमक्खियों द्वारा ही परागित होता है। इसीलिए छोटे पैमाने के किसानों, कृषि फसलों एवं हमारे पर्यावरण के लिए मधुमक्खी पालन को बढावा देना अति आवश्यक है। हिमालया ट्री ने इसी संबंध में एक पहल की और विश्वनाथ घाटी मधुमक्खी पालन स्वायत्त सहकारिता नामक एक SPV का गठन किया जिसका मुख्य उदेश्य मधुमक्खी पालन के माध्यम से सतत कृषि उत्पादन एवं आजीविका को बढावा देना है। यह सहकारिता न्याय पंचायत भिलंगना, विकासखंड – भिलंगना टिहरी गढ़वाल में उत्तराखण्ड सहकारी अधिनियम 2003 के तहत पंजीकृत है। टिहरी गढ़वाल जिले के भिलंगना विकासखंड के 50 गांवों के लगभग 300 किसान इस सहकारिता से जुड़े है। किसानों द्वारा सहकारिता के माध्यम से मधुमक्खी पालन को व्यावसायिक स्तर पर शुरू करने के लिए कम्पनी आर्थिक मदद के लिए कार्यरत है। किसी एक किसान की आर्थिक मदद के माध्यम से आप भी पर्यावरण को संरक्षित करने एवं आजीविका के विकल्पों का विस्तार करने में अपना योगदान दे सकते है। अगर आप इस विषय में और जानना चाहते है तो कम्पनी की वेबसाइट www.himalayatree.com से जान सकते है एवं अपने सवाल ई-मेल के माध्यम से care@himalayatree.com पर भेज सकते है।

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