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16 जून : केदारनाथ आपदा के 6 साल, जख्म आज भी हरे

देहरादून । पूरी दुनियां को झकझोर कर रख देने वाली वाली केदारनाथ में 16 जून 2013 को आई दैवीय आपदा से हुई तबाही को 6 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों व पीड़ित परिवारों को फौरी राहत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनके जख्म आज भी हरे के हरे हैं। शायद ही वो इस आपदा को कभी भूल पाएं। वक्त भी उनके जख्मों पर मरहम नहीं लगा पाया। इन्हीं में से एक है गगन बिष्ट, जिनका इस आपदा में सब कुछ लूट गया था, जो 15 जून की रात केदारनाथ में ही मौजूद थे। केदारनाथ आपदा के प्रत्यक्षदर्शी रुद्रप्रयाग के रहने वाले होटल व्यापारी गगन बिष्ट के अनुसार वे 15 जून 2013 के दिन केदार घाटी में ही मौजूद थे। गगन बताते हैं कि यह दिन और दिनों से कुछ अलग था। 14 जून की रात से शुरू हुई तेज बारिश 15 जून के दिन भी बिना रुके लगातार जारी थी। ऐसे में पानी के तेज बहाव के साथ उनके होटल की जमीन धीरे-धीरे नीचे से कटने लगी थी और देखते ही देखते पूरा होटल पानी के तेज बहाव में बहता चला गया। बिष्ट बताते हैं कि जिस समय उनके होटल के नीचे की जमीन का कटान हो रहा था उससे पहले ही उन्होंने होटल को खाली कर दिया था। जिस वजह से किसी की जान नहीं गई। गनन के अनुसार यह होटल यात्रा सीजन में उनकी कमाई का एक बेहतरीन जरिया था। लेकिन होटल के इस तरह अचानक बह जाने से उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। कई साल तक वो ये भी नहीं समझ पा रहे थे कि इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी। आपदा के अन्य प्रत्यक्षदर्शी गगन ने बताया कि अब एक बार फिर वह केदार घाटी में अपना होटल शुरू करना चाहते हैं, लेकिन सरकारी नौकरशाहों की दबंगई और मनमानी के चलते वह अपने होटल का काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। होटल बनाने की अनुमति के लिए वो कई बार एसडीएम कार्यालय जा चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली है।

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