साध्वी पद्मावती को गर्भवती बताए जाने पर भड़का मातृ सदन
हरिद्वार । गंगा रक्षा के लिए आमरण अनशन कर रहीं साध्वी पद्मावती को जबरन उठाकर दून अस्पताल ले जाए जाने, उन्हें गर्भवती बताए जाने और शुक्रवार को ही डिस्चार्ज कर देने के मामले में मातृ सदन के संतों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि पद्मावती साध्वी हैं और गंगा की रक्षा के लिए तप कर रही हैं। वैसे तो इस तरह की बात किसी युवती के लिए नहीं की जानी चाहिए, लेकिन साध्वी के बारे में की गई टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे लेकर वे स्थानीय कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। अगर इंसाफ नहीं मिला तो अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट तक भी गुहार लगाएंगे। उन्होंने देहरादून की सीएमओ मीनाक्षी जोशी तथा डॉ. विजय भंडारी के नाम पर सौ करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजने की भी बात कही। कहा कि फिलहाल, सीएमओ से पद्मावती को उठाए जाने बाद से लेकर डिस्चार्ज किए जाने तक का वीडियोग्राफ मांगा गया है, ताकि सारी बातें पता चल सकें। स्वामी शिवानंद ने कहा कि अगर इस मामले में अधिकारी क्षमता भी मांग लें तो काम नहीं चलेगा। उन्हें यह बताना पड़ेगा कि किसके निर्देश पर उन्होंने यह पूरा षडयंत्र रचा। उन्होंने अफसरों के साथ ही राज्य, केंद्र के नेताओं तक पर साजिश का आरोप जड़ा। आरोप लगाया कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के पीआरओ के पिछले दिनों हरिद्वार दौरा करने के बाद से ही मातृ सदन के खिलाफ साजिश शुरू हुई है। स्वामी शिवानंद के अनुसार पहले वह कुछ अधिकारियों के खिलाफ ही हाईकोर्ट में केस दर्ज करने वाले थे, लेकिन अब उन सभी लोगों के खिलाफ केस कराएंगे, जो पद्मावती को आश्रम से उठाने के बाद उनके चरित्र पर उंगली उठाने की साजिश में शामिल रहे हैं। स्वामी शिवानंद सरस्वती ने साफ कहा कि मातृ सदन के अनशनकारी हरिद्वार की सीएमओ के अधीनस्थ किसी भी डॉक्टर से अपना मेडिकल टेस्ट नहीं कराएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि गलत मेडिकल रिपोर्ट बनाने वालों से संतों की जान को भी खतरा है। साध्वी पद्मावती के साथ ही ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का अनशन शनिवार को भी जारी रहा। दोनों ने अपनी मांगे पूरी हो जाने तक अनशन जारी रखने की बात कही है। वहीं, स्वामी आत्मबोधानंद ने कहा कि अगर प्रशासन ने उन्हें जबरन उठाने की कोशिश की कोई और संत अनशन पर बैठेगा।