संगठन ने डौंर-थकुली निकाली रैली
देहरादून । गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान संगठन ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल से गांधी प्रतिमा तक ’डौंर-थकुली रैली’ आयोजित की। रैली में बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों व हिमालय सरोकारों के लिए क्रियाशील लोगों ने भागीदारी की। ’डौंर-थकुली रैली’ का प्रयोजन प्रदेश सरकार के उस आदेश के खिलाफ आवाज को बुलंद करना था जिसके द्वारा उत्तराखंड सरकार पूर्व मंत्रियों से बकाया वसूली पर स्पष्ट आदेश पारित किया हुआ है और इस विषय पर अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश आदि को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट तक ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया वसूली और सुविधाओं पर स्पष्ट निर्णय दिए हुए हैं। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संगठन द्वारा आहूत ’डौंर-थकुली रैली’ के द्वारा सरकार द्वारा इस प्रकार के शासनादेश लाने की मनोवृति को एक घटिया राजनीतिक मनोवृति का दर्जा दिया गया है। इसे देश के लोकतंत्र में दीमक समान वित्तीय अनुशासनहीनता का बड़ा उदाहरण कहा गया है।’डौंर-थकुली रैली’ के द्वारा यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि जिस प्रकार से अक्सर अच्छे से अच्छे कोर्ट आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है, वह जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स को मनमाफिक तरीके से लूट मात्र है, जिसके लिए सामाजिक जन-जागरण विकसित किया जाना नितांत आवश्यक हो चला है। जनता को यह बताना आवश्यक हो गया है कि प्रादेशिक सरकार गलत लोकतांत्रिक नजीर पेश कर रही है। प्रदेश में वित्तीय अनुशासन विकसित करने में ऐसे निर्णय बड़ी बाधाएं बनेंगेद्य सरकार द्वारा लाए गए इस प्रकार के निर्णय को जिनसे जनता के धन के दुरुपयोग निरंतर जारी रहता है रोका जाए। ’डौंर-थकुली रैली’ गैरसैंण राजधानी निर्माण संगठन के आह्वान पर निकाली गई ताकि जनता के हितों के खिलाफ हो रहे निर्णय व राजकोष के दुरुपयोग पर सभी जन संगठन जनता के बीच उतरकर अपना मौन तोड़े जिससे की व्यवस्था सुधारीकरण और राज्य अवधारणा के अनुरूप राज्य सपना मात्र न रह जाएद्य इसके अतिरिक्त अन्य सवालों को लेकर एक जन हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया गया है। ’डौंर-थकुली रैली’ के साथ प्रारंभ हस्ताक्षर अभियान में अध्यादेश के अतिरिक्त के पदों में बाहरी अभ्यर्थियों से आवेदन मांगने, सरकारी भर्ती में धांधली के तहत परीक्षा केंद्रों को प्रदेश से बाहर रखने, पंच प्रयाग में शराब की भट्टियां स्थापित करने, बुग्यालों वालों में टनों का कचरा व मल-मूत्र त्यागने वाली पर्यटन नीति को चलाने, भूमाफिया एवं दलालों के हित में समूचे उत्तराखंड में भूमि खरीद को छूट देने की नीति, ऑल वेदर रोड में बड़े पैमाने पर पर्यावरण पारिस्थितिकी का हो रहा क्षरण व निर्माण द्वारा हो रहे खनन में बेतहाशा धांधली, स्थाई राजधानी की मांग करने वाले आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे लगाने, प्रदेश में वर्तमान में चल रही आधी अधूरी और बदहाल 108 सेवा संचालन, यूसैक समेत 108 सेवा में लगे कर्मियों को बेरोजगारी के अंधकार में धकेलने व प्राकृतिक आपदा व हादसों में मारे गए नागरिकों को एक समान मुआवजा न देने आदि पर भी विरोध जताया गया है। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संगठन द्वारा आहूत आज की रैली में उत्तराखंड पूर्व सैनिक अर्द्द सैनिक संयुक्त, संगठन, उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड बेरोजगार संघ, हमारा उत्तरजन मंच (हम), युवा आह्वान,आरटीआई लोकसेवा, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ, उत्तराखंड नवनिर्माण सेना, 108 कर्मचारी संगठन, यूसैक निष्कासित कर्मचारी संगठन, उत्तराखंड सचिवालय संघ, उत्तराखंड विकलांग संघ आदि बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों व हिमालय सरोकारों के लिए क्रियाशील समूह सम्मिलित हुए ’डौंर-थकुली रैली’ में शामिल होने वालों में रघुवीर बिष्ट, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, मनोज ध्यानी, विकास सेमवाल, रविंद्र प्रधान, बृज मोहन नेगी, पूर्व आईएएस सुरेंद्र सिंह पांगती, कैप्टन दिगंबर बलूनी, मदन सिंह भंडारी, लुसून टोडरिया, नमन चंदोला, प्रभा नैथानी, सुलोचना भट्ट, बिंदु जोशी, ऊषा भट्ट, निर्मला बिष्ट, बीना सकलानी, लक्ष्मी बिष्ट, राजेश्वरी डोबरियाल, लोक बहादुर थापा, मदन सिंह भंडारी, सुशील कुमार त्यागी, रणवीर चैधरी, सुरेंद्र बिष्ट, जबर सिंह पावेल, जयकृत कंडवाल, सुमन नेगी, ललित चंद्र जोशी, बीघ्पी ममगाई, कमल कांत, सुशील कैंथुरा, जगमोहन नेगी, भोपाल सिंह चैधरी, समीर मुंडेपी, मनोज दास, अजमेर सिंह, पीसी थपलियाल, सोहन सिंह रावत, कृष्ण कांत कुनियाल, जसवंत सिंह जंगपांगी, प्रदीप कुकरेती, जितेन्द्र भारती, ज्योत्सना असवाल, हरिकिशन घिल्डियाल, सुरेन्द्र सिंह रावत, हर्ष मैंदोली, सु.मे. सुरेन्द्र नौटियाल, विजय नैथानी, बिंदू जोशी, मेजर आर सी बलूनी, राजेश चमोली, प्रेम बहुखंडी, दीपक चमोली, प्रदीप कुकरेती, एड. राजगीता शर्मा आदि सैकड़ों लोगों ने अपनी भागीदारी की।