विशेष शिक्षा में सहायक उपकरणों की भूमिका को लेकर कार्यशाला का आयोजन
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय दृष्टि बाधित दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून द्वारा संयुक्त प्रयास
देहरादून | उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय दृष्टि बाधित दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में विशेष शिक्षा में सहायक उपकरणों की भूमिका विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के परिसर में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो ओम प्रकाश सिंह नेगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय सूचना तकनीकी का है और डिजिटल तकनीकी का प्रयोग कोविड काल ने हम सब को करना सिखा दिया है। दिव्यांग जनों के लिए समय आ गया है कि नवीन तकनीकी एवं नवीन सहायक उपकरणों का निर्माण कर उनका सशक्तिकरण किया जाए। सूचना क्रांति के माध्यम से समय की आवश्यकता एवं परिस्थिति के अनुरूप उनके पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर अधिक से अधिक तकनीकी यों का समावेश उनके लिए किया जाना आवश्यक है जिससे कि हम एक उपयोगी समावेशी समाज का निर्माण कर सकें जिसमें कि दिव्यांगजन अपनी महती भूमिका निभा सकें। साथ ही उन्होंने मुक्त विश्वविद्यालय का एक अध्ययन केंद्र संस्थान में खोलने के लिए बात की साथ ही दिव्यांगजनों के लिए पुस्तकों के निर्माण एवं संस्थान के मॉडल विद्यालयमैं अध्यनरत दृष्टिबाधित बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए मुक्त विद्यालय के अध्ययन के अंदर प्रवेश दिलाने की का अनुरोध संस्थान के निदेशक से किया हाथी उनके लिए ब्रेल लिपि में पुस्तकों का संपादन संस्थान की प्रयोगशाला में करवाने की बात कही। दृष्टिबाधित अर्थ सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक डॉ हिमांग्शु दास ने अपने उद्बोधन में बताया कि वर्तमान में दिव्यांग जनों के लिए शैक्षिक और पुनर्वास के संस्थान उनकी जनसंख्या के अनुरूप बहुत ही कम है। इसके लिए हम सबको सेवा प्रदाता के रूप में कार्य करना होगा।दूरस्थ शिक्षा की अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका है इसका लाभ दिव्यांगजनों को सशक्त करने में लिया जा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय यथाशीघ्र दिव्यांग जनों के लिए अपना एक अध्ययन केंद्र परिसर में स्थापित करेगा जिससे कि दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा लेने में कोई समस्या नहीं आएगी। कार्यशाला में प्रतिभागियों को संस्थान की गतिविधियों से परिचय कराने हेतु भ्रमण भी कराया गया।कार्यक्रम के संयोजक डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल ने आशा व्यक्त की कि इस तरह के कार्यक्रमों से विशेष शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण में सहायता प्राप्त कर सकेंगे। कार्यशाला के आयोजक डॉ पंकज कुमार ने आमंत्रित अतिथियों ने प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ ही ब्रेल लिपि कन दृष्टि भतार दिव्यांगों के अध्ययन में क्या भूमिका है उसके विषय में अवगत कराया। कार्यशाला में निदेशक डॉ हिमांग्शु दास एवं मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ओम प्रकाश सिंह नेगी द्वारा ग्रुप से राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। कार्यशाला में संस्थान के सहायक प्राध्यापक डॉ विनोद केन डॉ सुनील शिरपुरकर डॉआरपी सिंह, बृजमोहन सिंह खाती समेत मुक्त विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अंजली सिंह द्वारा किया गया।