राज्य के विकास हेतु बैंकों को क्षेत्र विशेष प्रोडक्ट लांच करने की जरूरत: शाजी के.वी.
देहरादून | आज दिनांक 18 मार्च, 2021 को नाबार्ड के डीएमडी शाजी के.वी. उत्तराखण्ड की तीन दिवसीय यात्रा पर देहरादून पधारे। तीन दिवसीय यात्रा का मुख्य उद्देशीय राज्य के विकासात्मक कार्यों में नाबार्ड के योगदान को देखना तथा राज्य में बैंकर्स की चुनौतियाँ तथा समस्याओं को जानना है। बैंकर्स के साथ आयोजित बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री राजेश कुमार, आरसीएस बी.एम मिश्रा, उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष राकेश तेजी, पंजाब नेशनल बैंक के उप महाप्रबंधक अनिल सिन्हा, सहकारी बैंक के महाप्रबंधक व अन्य बैंकों के साथ-साथ नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेंद्र मणि ने अपने स्वागतीय अभिभाषण में डीएमडी शाजी के.वी. व सभी वरिष्ठ बैंकर्स का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए सभी बैंकर्स को मिलकर कार्य करना है तथा राज्य सरकार व भारत सरकार की योजनाओं व बैंकिग सुविधाओं को राज्य के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाना है। महाप्रबंधक भास्कर पंत, नाबार्ड ने राज्य के बैंकिग प्रोफाइल तथा उनका कार्य निष्पादन पर संक्षिप्त में प्रस्तुत दी। राज्य के कई जिलों में घटते सीडी रेश्यों पर चिंता जाहिर की। राज्य की लगभग 50 प्रतिशत जनसंख्या जहाँ कृषि पर निर्भर है वहीं जीडीपी में कृषि क्षेत्र का घटता योगदान चिंता का विषय है।।उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष राकेश तेजी ने ग्रामीण बैंक की स्थापना के उद्देश्य तथा अब तक की यात्रा के साथ ग्रामीण बैंक की चुनौतियों व समस्याओं को भी सदन के सामने रखा। सूदर ग्रामीण अंचल में बसे गाँवों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुँचाने में नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं से मिल रहे लाभ के लिए नाबार्ड का आभार व्यक्त किया।
पंजाब नेशनल बैंक के उप महाप्रबंधक अनिल सिन्हा ने उत्तराखण्ड के कृषि क्षेत्र व प्राथमिक क्षेत्र में ऋण देने तथा उसमे आने वाली बाधाओं पर अपने विचार रखे। साथ ही उन्होंने ऑर्गेनिक खेती को अपनाने पर भी जोर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार ने राज्य में बैंकों के पर्यवेक्षण संबंधी मुद्दों पर चर्चा की तथा कोविड के दौरान बैंकिग सुविधाओ मुहया करवाने के लिए बैंकर्स की प्रसंशा की। साथ ही उनका मानना है कि वितीय साक्षरता व तकनीक के उपयोग को बढ़ाने की भी जरूरत है। आरसीएस बी.एम मिश्रा ने सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई नई पहल के बारें में बताया। डीएमडी नाबार्ड शाजी के.वी ने राज्य के बैंकों की चुनौतियों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सीडी रेश्यों जिन जिलों का घट रहा है उन जिलों में बीएलबीसी, डीएलसी, तथा एसएलबीसी को सक्रिय होने की जरूरत है और उनके के लिए विशेष प्लान बनाकार काम किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने बदलते परिदृश्य में तकनीक तथा सभी बैंकों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि बैंकों के ट्रांजेक्शन लागत को कम किया जा सके। राज्य के विकास हेतु बैंको को क्षेत्र विशेष की जरूरत के अनुसार बैंकिग प्रोडक्ट तैयार करने की जरूरत पर बल दिया ताकि मांग के अनुसार पूर्ति संभव हो पाए। कोविड के कारण सभी बैंक किसी न किसी रूप मे जरूर प्रभावित हुए हैं अतः भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बैठक में बताई समस्याओं को नाबार्ड अपनी योजनाएं बनाते समय ध्यान में रखेगा ताकि योजनाओं को व्यावहारिक रूप में क्रियान्वित किया जा सके। कार्यक्रम में राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठन तथा स्वयं सहायता समूह को बैंक लिंकेज देने वाले वाणिज्यिक बैंक, ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक, स्मॉल फाइंनेंसिग बैंक व प्राइवेट बैंको को भी पुरस्कृत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक यशपाल अग्रवाल द्वारा दिया गया।