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मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं जरूरतमंद स्कूली बच्चे : समाजसेवी रमनप्रीत

देहरादून | कोरोना काल के बाद वैसे तो इस महामारी का दुष्प्रभाव समाज के सभी वर्ग पर पड़ा है,और सभी इससे प्रभावित भी हुए हैं,परन्तु सबसे बुरा असर पड़ा है मध्यम एवम निम्न वर्ग के विधार्थियों पर,जो पिछले लगभग डेढ़ साल से स्कूल,कॉलेज छोड़कर अपने घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों का शोषण

ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों का शोषण इस हद तक पहुँच गया है कि महामारी के दौर में अपना रोजगार और काम धंधा गवां चुके लोगों के पास घर का खर्च चलाने तक के पैसे नही होने के बावजूद भी बच्चों की फीस को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जिन अभिभावकों का दो वक्त की रोटी खाने का भी रोजगार छीन चुका हो वो भला 2 साल की फीस की व्यवस्था कैसे कर पाएंगे,इसी समस्या को लेकर अभिभावकों के साथ – साथ बच्चे भी मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं,स्कूल खुलने के बाद स्कूल प्रशासन के द्वारा बच्चों को पिछली फीस देने के लिए बाध्य किया जा रहा है,और अभिभावकों के पास कोई विकल्प है नही,तो इसका सीधा असर गरीब बच्चों की मानसिक दशा पर पड़ रहा है,स्कूल जाने पर अपने आपको अपमानित होने का डर उनके मन मे तरह तरह की हीनभावना पैदा कर रहा है,कुछ जगह से तो बच्चों के द्वारा आत्महत्या की खबरें भी आ रही हैं,जो कि बहुत घातक सिद्ध होगा,बावजूद इसके सरकार के द्वारा इस दिशा में अभी तक भी कोई ठोस कदम नही उठाये जाने को लेकर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है,सरकार को जल्द ही इस समस्या के समाधान को कोई रास्ता निकालना ही होगा।

मनवीर कौर चैरिटबल ट्रस्ट अपने स्तर पर कर रही मदद

मनवीर कौर चैरिटबल ट्रस्ट की अध्यक्षा रमनप्रीत कौर की ओर से इस दिशा में कई सार्थक कदम उठाए गए हैं,उन्होंने अपने एनजीओ के माध्यम से कई असहाय बच्चों की स्कूल फीस की व्यवस्था एवम कुछ की फीस माफी की भी व्यवस्था देहरादून में करायी है,परन्तु उनका कहना है कि इस प्रकार की सहायता ऊंट के मुंह मे जीरे के समान साबित हो रही है,इसके लिए मेरी सरकार से अपील है कि ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आएं, जिससे कि गरीब बच्चों को भी शिक्षा के अधिकार का लाभ मिल सके,और कोई भी अपने अधिकार से वंचित न रह सके,और ससम्मान अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।।

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