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महेन्द्र सिंह धोनी चार दिन मसूरी में बिताने के बाद वापस लौटे, जानिए खबर

देहरादून । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद सिंह धोनी चार दिन मसूरी में बिताने के बाद वापस लौट गये। मंगलवार को महेंद्र सिंह धोनी साढे नौ बजे करीब सड़क मार्ग से पत्नी व बेटी व साथ में आये दोस्तों के साथ वापस लौट गये। मसूरी में धोनी के होने की सूचना के बाद पिछले तीन चार दिनों से लालटिब्बा, सिस्टर बाजार में काफी भीड़ जुटी रही, हंलाकि धोनी से कोई मिल नहीं पाया। मंगलवार को लालटिब्बा में बर्फ व धोनी की एक झलक पाने के लिए उनके प्रसंसक बेताब नजर आये। इस दौरान उनके कई प्रसंसक दुकानों व आसपास में मौजूद लोगों से धोनी के बारे में जानकारी लेते हुए भी दिखाई दिये। पूरे दिन लालटिब्बा, सिस्टर बाजार में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ जुटी रही। धोनी के परिवारिक मित्र लालटिब्बा निवासी आकाश अरसोई ने बताया कि धोनी अपनी पत्नी बेटी व कुछ सगे संबंधियों के साथ 3 जनवरी को मसूरी घूमने आये थे चार दिन यहां पर रूकने के बाद वे मंगलवार को सुबह साढे नौ बजे करीब वापस लौट गये। बताया कि इन चार दिनों में धोनी ने मसूरी में बर्फबारी का जमकर लुफत उठाया। व चार दुकान,सिस्टर बाजार में जाकर काफी,मौगी व आमलेट का स्वाद भी चखा। बताया कि उन्होंने धोनी को अपनी जीप में तीन दिन तक लालटिब्बा क्षेत्र में घुमाया, लेकिन लोग उन्हें पहचान नहीं पाये क्योंकि उन्होंने चेहरा मॉस्क से ढका हुआ था बताया कि लोगों ने उनकी एंटिक जीप की फोटो तो खिची लेकिन जीप में बैंठे महेंद्र सिंह धोनी को नहीं पहचान पाये। आकाश ने बताया कि धोनी ने यहां पर पहाड़ी खाना जिसमें मडवे की रोटी, तोर की दाल, झंगोरे की खीर, अड़द की दाल की पकोड़ी के साथ ही उन्य पहाड़ी उत्पादों से बना खाना खाकर इसको बढावा देने की बात कही। कहा कि पहाड़ी खाना पैष्टिक व स्वास्थ्य बर्धक है,जिसको खाने से कई बिमारियां समाप्त हो जाती है। वहीं उन्होंने बताया कि धोनी यहां पर कुछ समय और बिताना चाहते थे लेकिन उनके यहां होने की सूचना सभी जगह फैल गई थी, जिससे वे मंगलवार को वापस लौट गये। बताया कि वे मसूरी चंबा मार्ग पर स्थित जबरखेत के पास एक प्राईवेट कोठी में रूके हुए थे, जिसकी किसी को भी खबर नहीं थी। गौरतलब है कि महेंद्र सिंह धोनी के मसूरी में होने की सूचना तो थी लेकिन किसी ने धोनी को देखा नहीं व किसी को इस बात की सही जानकारी भी नहीं थी की धोनी कहां ठहरे हुए हैं। 

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