महिलाओं का विकास शिक्षा और कौशल से ही संभव : गीता गैरोला
देहरादून | नाबार्ड, उत्तराखण्ड क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड में नाबार्ड द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठनों की महिलाओं ने भाग लिया। उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध लेखिका गीता गैरोला ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। एच.पी. चंदेल ने सभी का स्वागत करते हुए नारी शक्ति के महत्त्व को समझाया और भारतीय इतिहास में महिलाओं के योगदान का उल्लेख किया। महाप्रबंधक यशपाल अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय अभिभाषण में कहा कि यह दिवस महिलाओं के योगदान, समर्पण तथा उनके द्वारा किए उपकारों को सम्मान देने तथा उनके प्रयासों की प्रशंसा का है। महिलाओं ने धरती से लेकर गगन तक हर क्षेत्र में अपना परचम फहराया है। महिलाएं हर कार्य को बड़े ही आत्मीयता से करती है। महिला दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए अग्रवाल जी कहा कि भले ही यह आंदोलन दूसरे देश से प्रारंभ हुआ हो परंतु इसने भारत की महिलाओं को अपने अधिकार, समानता और सम्मान दिलाने में बड़ा अहम योगदान दिया है। मुख्य अतिथि गीता गैरोला ने अपने कहा कि यह दिवस हमें अपने विचारों तथा समस्याओं पर चर्चा करने का सुनहरा मौका देता है। आज महिलाएं जो हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है वो एक दिन में नहीं हुआ है। इसके पीछे कई वर्षों का संघर्ष तथा यातनाओं से भरी यात्रा रही है। उत्तराखण्ड में महिलाओं के उत्थान तथा विकास के बारे में उनका मानना है कि महिलाओं को गृह कार्यों के चुंगल से बाहर निकालना सबसे बड़ी समस्या है। पहाड़ की महिलाएं सारा दिन घर से लेकर खेत के कार्यों में जुटी रहती है। पुरूषों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता। ऐसे में महिलाओं को यदि समाज की मुख्य धारा में लाना है तो केवल एक ही हथियार है और वह है-शिक्षा और कौशल। साथ ही उनका मानना है कि देवभूमि को बचाना है तो पर्यावरण के प्रति जागरूकता जरूरी है जिसमें जलस्रोतों, भूमि व जंगल का समुचित उपयोग करना जरूरी शामिल है। यह कार्य महिलाएं पुरूषों से बेहतर कर सकती है। उन्होंने आशा व्यक्त कि आने वाला युग महिलाओं का होगा महिलाओं द्वारा उन्नति के नए आयाम लिखे जाएंगे। शिव कुमार सिन्हा, महाप्रबंधक (सेवानिवृत) ने भी कविता के माध्यम से महिलाओं के अमूल्य योगदान का गुणगान किया। प्रसून, प्रबंधक ने महिलाओं को सशक्त बनाने में नाबार्ड की विभिन्न परियोजनाओं की भूमिका पर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में अनेक स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। साथ ही इस अवसर पर स्वंय सहायता समूह व कृषक उत्पादक संगठनों के उत्पादों की एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन आकांक्षा वाधवा ने किया तथा कार्यक्रम में नाबार्ड के उप महाप्रबंधक उर्वशी गर्ग, के.एस कुमारस्वामी, एस.एल. बिरला व अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी भाग लिया। मुख्य अतिथि गीता गैरोला का पुष्पगुच्छ से स्वागत करते महाप्रबंधक यशपाल अग्रवाल , गीता गैरोला कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत किये |