प्रतिबंधित लकड़ी कांजल की तस्करी के आरोप में दो युवक गिरफ्तार
उत्तरकाशी। प्रतिबंधित लकड़ी कांजल की तस्करी के आरोप में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। युवकों की कार से करीब 32 लाख की कीमत की अवैध लकड़ी भी बरामद की गई है। पुलिस के रोकने पर युवक गंगोरी बैरियर को टक्कर मारकर भाग गए थे। उन्हें पुलिस ने करीब 21 किमी दूर देवीधार बैरियर पर पकड़ लिया। एसपी ने पुलिस टीम को 1100 का नकद पुरस्कार दिया है।
शुक्रवार को उत्तरकाशी पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। पुलिस ने एक कार से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित कांजल की लकड़ी बरामद की है। एसपी प्रदीप राय ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे नियमित चेकिंग के दौरान गंगोरी बैरियर पर पुलिस ने एक कार को रोका। कार में चालक सहित दो लोग सवार थे। पुुलिस की ओर से कार को रोकने का इशारा करने पर चालक बैरियर को टक्कर मारते हुए भाग निकला, जिस पर पुलिस ने निकटवर्ती सभी चौकियों व थानों को सूचना दी। साथ ही मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए सीओ अनुज कुमार, एसएचओ मोरी दिनेश कुमार व एसएसआई उत्तरकाशी प्रकाश राणा की टीम बनाई गई। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए करीब आधे घंटे बाद उक्त कार को देवीधार बैरियर पर पकड़ लिया गया। कार की तलाशी लेने पर कार से प्रतिबंधित लकड़ी कांजल के 318 गुटके बरामद किए गए। लकड़ी की बाजार में कीमत करीब 32 लाख है। एसपी प्रदीप राय ने बताया कि कार में सवार दोनों युवक शरत सिंह निवासी डोंड, थलीसैंण पौड़ी गढ़वाल व पेमा निवासी उमला नेपाल उक्त लकड़ी को भटवाड़ी के सिल्ला क्षेत्र से लाए थे और इसे बेचने के लिए सहारनपुर ले जा रहे थो। एसपी राय ने बताया कि दोनों युवकों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। युवकों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है। कांजल का पेड़ उच्च हिमालयी क्षेत्र के आरक्षित वन क्षेत्र में पाया जाता है। यह पेड़ औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण होता है। पेड़ पर जिस स्थान पर गांठ निकली होती है, वह स्थान कटोरे के आकार का होता है। इसे ही बर्तन बनाने के लिए प्रयोग में किया जाता है। बौद्ध समुदाय के लोग इस लकड़ी के बर्तन बनाकर खाद्य व पेय पदार्थों के लिए प्रयोग करते हैं।