Breaking News:

केन्या में एक बार फिर बाढ़ और भारी बारिश का कहर 150 लोगो की मौत, -

Wednesday, May 1, 2024

पहचान : पर्यावरण संरक्षण रत्न अवार्ड से अंकित तिवारी हुए सम्मानित -

Wednesday, May 1, 2024

सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार को एमजी मोटर्स ने किया लॉन्च , जानिए खबर -

Sunday, April 28, 2024

देहरादून : भारूवाला ग्रांट वार्ड में सफाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

जौनपुर : परीक्षा में “जय श्रीराम ” लिख कॉपिया भरी, पास हुए, अब शिक्षक हुए निलंबित -

Saturday, April 27, 2024

तीन महिलाओं को “वैम्पायर फेशियल” करवाना भारी पड़ा, हो गईं एड्स की शिकार, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य: एक सतत प्रयास…. -

Saturday, April 27, 2024

देहरादून की ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का मिला खिताब, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

राष्ट्रपति ने मेडिकल के 598 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की -

Tuesday, April 23, 2024

देहरादून : जेल में कैद बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत -

Tuesday, April 23, 2024

“मिस टीन उत्तराखंड” का आयोजन -

Tuesday, April 23, 2024

सत्ता के खातिर समाज को बांटने के लिए धर्म और जातिवाद की राजनीति करते हैं नरेन्द्र मोदीः करन माहरा -

Tuesday, April 23, 2024

चारधाम : एक सप्ताह में 12.5 लाख रजिस्ट्रेशन -

Monday, April 22, 2024

उत्तराखंड : प्रदेश में ईवीएम से अंतिम रूप से 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ -

Monday, April 22, 2024

मजदूर का बेटा बना आईएएस अफसर -

Monday, April 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : नाबालिग रेप पीड़िता को 7 माह का गर्भ गिराने की दी इजाजत -

Monday, April 22, 2024

केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत, 40 हज़ार से अधिक लोग हुए बेघर -

Monday, April 22, 2024

देहरादून : केक खाने से किसी को हुई उल्टी तो कोई गश खाकर गिरा, जानिये खबर -

Sunday, April 21, 2024

दुष्कर्म का आरोप निकला झूठा, बा-इज्जत बरी हुए सैफ अली सिद्दीकी, जानिए खबर -

Friday, April 19, 2024

उत्तराखंड : 19 अप्रैल (कल) को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा मतदान -

Thursday, April 18, 2024



पहचान : दून के अक्षत जैन छोटे शहरों में उपलब्ध कराना चाहते हैं आइवी लीग शिक्षा

 

देहरादून। शीर्ष भारतीय शहरों में नए जमाने की शिक्षण तकनीकों की काफी अच्छी सुविधाएं हैं, लेकिन बदलते शिक्षा परिदृश्य में टियर 2 और टियर 3 शहर अभी भी बहुत पीछे हैं। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए, देहरादून के अक्षत जैन का उद्देश्य टियर प्प् और टियर प्प्प् शहर के छात्रों को सस्ती कीमतों पर आइवी लीग शिक्षा उपलब्ध कराना और उन्हें सशक्त बनाना है। टियर 2 और टियर 3 शहर के छात्रों के सपनों को पूरा करने के उद्देश्य को मन में लेकर, अक्षत कहते हैं, ष्मौजूदा रुझानों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि भारत के युवाओं में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। इसका सामना करने करने के लिए, एक युवा को कई क्षेत्रों में कुशल होने की जरूरत है, लेकिन टियर 2 और टियर 3 शहर की बुनियादी कमज़ोरी के कारण इन शहरों के छात्र यह करने में असमर्थ हैं। इसलिए, इस विषय में जीत पाने के लिए हमको यह सभी व्यवधानों को समाप्त करने की सख्त आवश्यकता है।ष्
अक्षत आगे  बताते हैं, ष्कोविड महामारी और परिणामी लॉकडाउन ने स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों की एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया है। ई-लर्निंग की सुविधा का लाभ भी केवल कुछ ही छात्र उठा पाए जो समर्थ थे, लेकिन आज भी भारत के कई ऐसे युवा हैं जो पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण का लाभ उठाने के लिए डिजिटल उपकरणों की कमी होने के कारण शिक्षित नहीं हो पाए हैं। सामाजिक, मौद्रिक, भौगोलिक और कई अन्य कारकों के वजह से टियर और टियर शहर के छात्र शिक्षा प्रदान करने में असमर्थ हैं।” अक्षत ने अपनी स्कूली शिक्षा वेल्हम बॉयज से हासिल करी है। उनके स्कूल की पूर्व प्रधानाचार्या गुनमीत बिंद्रा बताती हैं, “अक्षत वेल्हम के अपने समकक्ष छात्रों में शीर्ष में शुमार रहे हैं। उन्हें अडिग मूल्यों और जमीनी युवा के रूप में विकसित होते हुए देखना दिल को छू लेने वाला है। मैं हार्वर्ड स्कूल ऑफ एजुकेशन में मास्टर डिग्री के लिए एडमिशन होने पर बधाई देती हूँ। मुझे अक्षत की सफलता पर बेहद गर्व है। मैसाचुसेट्स के टफ्ट्स विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद, अक्षत को एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिला। लेकिन अपने देश के लिए अपने अपार प्यार और विश्वास को देखते हुए, उन्होंने इस आकर्षक विदेशी अवसर को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कड़ी मेहनत कर शिक्षा नेतृत्व में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में प्रवेश लिया। उन्होंने पूरी तरह सक्षम होकर भारत लौटने और शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन लाने की अपनी यात्रा को फिर से शुरू करने का संकल्प लिया है। टियर -2 और टियर -3 शहरों की ओर वैश्विक शिक्षा धीरे धीरे अपने कदम बढ़ा रही है, और अक्षत जैन ऐसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उनके इस संकल्प को देखकर शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को ज़रूर मिलेगा।

Leave A Comment