निर्भया केस के दोषियों को फांसी की सजा बरकरार
आज सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश और सिस्टम को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप केस में अपना फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखी. यही नहीं कोर्ट अपने फैसले में निर्भया कांड को ‘सदमे की सुनामी’ बताया. कोर्ट का फैसला आते ही कोर्ट रूम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. विदित हो की सजा को चुनौती देते हुए चारों दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. सूत्रों के मुताबिक फैसले के बाद तिहाड़ जेल में दोषियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई के बाद इस केस में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. 5 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपना फैसला पढ़ते हुए चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा.सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्भया गैंगरेप मामले में सभी दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने का पीड़िता के परिजनों ने स्वागत किया है. पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से उनकी बेटी को इंसाफ मिला है. हम सबको इंसाफ मिला है, लेकिन बेटी को खोने का मलाल सब दिन रहेगा.