जल्द बनेगा काशी स्मार्ट सिटी : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर गए हुए है वहाँ पर उन्होंने आज कहा कि देश और दुनिया में बनारसी कहीं भी रहे, वह अपने संस्कारों को कभी नहीं भूलता है। बदलते हुए बनारस की तस्वीर अब चारों तरफ दिखने लगी है यह कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। सिर पर लटकते हुए बिजली के तार अब गायब हो गए हैं। सड़कें रोशनी से नहा रही हैं। बीते चार साल में बनारस में 10 हजार करोड़ रुपय से भी ज्यादा का निवेश हो चुका है। पीएम ने कहा कि यह सिलसिला यहीं रुकने वाला नहीं है। पीएम इस दौरान पूर्व की सरकारों पर भी तंज करने में पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें काशी का विकास तो दूर, बल्कि विकास में रुकावटें भी पैदा करती थी। मोदी ने कहा, ‘गंगा जी को स्वच्छ करने का अभियान तेज गति से आगे बढ़ रहा है। गंगोत्री से गंगा सागर तक एक साथ प्रयास हो रहा है। शहरों की गंदगी गंगा में न जाए इसका प्रबंध भी किया जा रहा है। इसके लिए 21 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।’ मोदी ने कहा कि इन सब कार्यों से बनारस को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा। इसका फायदा न सिर्फ बनारस को बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को होगा। मोदी ने बताया कि बीते सोमवार को नोएडा में सैमसंग की दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री का लोकार्पण करने का मौका मुझे मिला। इससे प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा। पीएम मोदी ने इस दौरान करीब 1 हजार करोड़ रुपये की योजानाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मोदी ने कहा कि ये सभी योजनाएं बिजली, पानी और कनेक्टिविटी से जुड़ी हैं। मोदी ने कहा कि बनारस में जो बदलाव आ रहा है, उसका लाभ आसपास के गांवों को भी मिल रहा है। मोदी ने कहा कि कार्गो सेंटर के शिलान्याय के बाद इसके लोकार्पण का मौका भी मुझे मिल रहा है। ट्रांसपोर्टेशन से ट्रांसफोर्मेशन और परिवहन से परिवर्तन के विजन के साथ हमारी सरकार आगे बढ़ रही है। थोड़ी देर पहले हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस का शिलान्यास भी इसी विजन का हिस्सा है। शिक्षा के क्षेत्र में जानामाना बीएचयू अब चिकित्सा में भी आगे बढ़ रहा है। वाराणसी को इलाहाबाद और छपरा से जोड़ने वाले ट्रैक को डबल करने का काम हो रहा है। वाराणसी से बलिया तक विद्युतीकरण का काम हो रहा है। मोदी ने कहा, ‘हमें चार साल पुराना वक्त भी नहीं भूलना चाहिए, जब गंदगी और खराब सड़कों से लोगों को परेशानी होती थी। बिजली के तार लटके रहते थे। सीवेज का पानी सड़कों पर बहता था। पूरे शहर की गंदगी गंगाजी में जा रही थी।’