जब घर में गैस नहीं थी तब जीवन कैसा था….
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वला योजना 2.0 के शुभारम्भ के अवसर पर देहरादून की महिला बूंदी से की बात
देहरादून/ महोबा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महोबा से उज्ज्वला योजना 2.0 का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए देश के अलग-अलग राज्यों में अबतक योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं से मुखातिब हुए तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। महिलाओं ने उज्ज्वला योजना मिलने से जीवन में आई खुशियां बयां की तो अपने परिवार के सुख-दुख भी साझा किए। इसी कड़ी में उत्तराखंड देहरादून की बूंदी देवी का पिता के प्रति प्रेम और सेवा की कहानी सुनकर प्रधानमंत्री ने बेटा होने की चाहत रखने वालों को संदेश दिया कि बेटी भी बुढ़ापे मां-पिता की सेवा कर सकती है। इसके साथ उन्होंने गोवा की एकता , पंजाब अमृतसर की आशा, यूपी गोरखपुर की किरन देवी, मध्यप्रदेश भोपाल की सुनीता वैष्णव से वार्ता की और उज्ज्वला योजना से हुए लाभ की जानकारी की। देहरादून की बूंदी देवी से पीएम मोदी ने सवाल पूछा कि ‘जब घर में गैस नहीं थी तब जीवन कैसा था और उज्जवला की वजह से क्या लाभ हुआ’। इस पर बूंदी ने कहा कि जब मेरे घर में गैस नहीं था तो जंगल में जाकर लकड़ी लानी होती थी। इतना बुरा समय था कि धुंए में फूंक मारते हुए आखों में आंसू आ जाते थे। खाना भी समय पर नहीं बन पाता था। बहुत परेशानी होती थी, लेकिन जब हमें यह गैस सिलेंडर उपलब्ध हुआ, सुविधा मिली आज जो जो दिक्कते थी सभी एक पल में दूर हो गयी