इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर विशाल चरखे का लोकार्पण
अहमदाबाद के 42 बढ़इयों ने इस चरखे को 55 दिनों में बनाया
केन्द्रीय सूक्ष्म ,लघु एवं मझौले उद्यम मंत्री कलराज मिश्रा ने राजधानी के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर दुनिया के सबसे बड़े चरखे का आज लोकार्पण किया। देश के व्यस्तम हवाई अड्डे पर विश्व के सबसे बड़े चरखे के प्रदर्शन के पीछे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिखाए समतावादी समाज को बढ़ावा देने के भारत की खोज पर प्रकाश डालना है। चरखे का लोकार्पण करते हुए कलराज मिश्रा ने कहा कि चरखा गांधीवादी मूल्यों के प्रतीक और देश में सरकार की ग्रामीण उद्योगों में खादी को वरीयता देने का प्रदर्शन है। उन्होंने आगे कहा कि चरखा स्वदेशी, आत्म निर्भरता और इसी समय परस्पर निर्भरता का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि पहिया कपास उत्पादकों के नेटवर्क, कैडरों, बुनकरों वितरकों और उपयोगकर्ताओं के केन्द्र में है। इस प्रतिष्ठित चरखे की प्रस्थान प्रांगण में स्थापना हमारी समृद्ध संस्कृति को विभिन्न कला कार्यों के जरिये आगे बढ़ाएगी। टर्मिनल पर लगाए गए मुद्रा, राजसी जूलूस , हाथी प्रतिमाएं सूर्य मूर्तिकला ,सूर्यनमस्कार और अन्य कला विश्व स्तर पर भारतीय विरासत का वर्णनकरते हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक संदेश में कहा ‘चरखा हमारी गौरवशाली विरासत का संकेत और राष्ट्रपता महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़े गए स्वतंत्रता संग्रामको याद दिलाने वाला है।’ प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह चरखा आईजीआई हवाई अड्डा से यात्रा करने वाले यात्रियों को भारत की कालातीत विरासत और इसके स्थायित्व एवं सद्भावना के मूल्यों जिसके लिए यह जाना जाता है, की याद दिलाएगा।