आकाश मिसाइल भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने देश में डिजाइन किए गए, विकसित और निर्मित आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली आज भारतीय वायु सेना को औपचारिक रुप से सौंप कर वायुसेना स्टेशन ग्वालियर में इतिहास रचा। इस ऐतिहासिक अवसर पर एक शानदार समारोह आयोजित किया गया जिसमें न केवल वायु सेना के वरिष्ठ नेतृत्व की मौजूदगी रही बल्कि रक्षा सचिव (अनुसंधान और विकास) डॉ. एस. क्रिस्टोफर, भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) के अध्यक्ष और प्रबंधन निदेशक एस के शर्मा तथा आकाश मिसाइल प्रणाली के प्रथम परियोजना निदेशक डॉ. प्रहलाद भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि आकाश, भारत में निर्मित पहली मिसाइल प्रणाली है और डीआरडीओ, बीईएल, निजी क्षेत्र और भारतीय वायुसेना के बीच निरंतर और केन्द्रित साझेदारी का नमूना है। इससे पहले वायुसेना स्टेशन ग्वालियर पहुंचने पर वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने श्री मनोहर पर्रिकर की अगवानी की। इसके बाद उन्होंने दो सुखोई 30 एमकेआई, एक मिग-21 और एक मिराज 2000 विमानो की पृष्ठभूमि में परंपरागत गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। इस समारोह के दौरान आकाश के परिचालक दल ने शानदार ड्रिल किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ, बीईएल, सार्वजनिक और निजी उद्योगों, निरीक्षण एजेंसियों और आकाश मिसाइल प्रणाली के उत्पादन के दौरान चुनौतियों का मिलकर सामना करने वाले सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम का लाभ रोजगार सृजित करने, वित्तीय विकास, आत्मनिर्भरता और बेहतर रक्षा तैयारी के रूप में देखने को मिलेगा।