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सीरियाई सरकार ने फिर केमिकल हथियारों का इस्तेमाल किया, तो फिर होगा हमला: अमेरिका

donald-trump

सीरिया पर मिसाइल हमले के बाद अमेरिका ने कहा कि अगर सीरियाई सरकार ने फिर केमिकल हथियारों का इस्तेमाल किया, तो उस पर अमेरिका और उसके सहयोगी देश हमला करेंगे. उधर, सीरिया पर हमले का मिशन पूरा होने के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने भी सुरक्षा परिषद का रुख किया. सुरक्षा परिषद में फ्रांस ने सीरिया में केमिकल हमले की जांच करने का प्रस्ताव पेश किया है. फ्रांस के इस प्रस्ताव का अमेरिका और ब्रिटेन ने समर्थन किया है. हालांकि रूस सीरिया में केमिकल हमले के आरोपों को खारिज करता आ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीरिया पर केमिकल हमले के लिए वहां की बशर अल-असद सरकार, रूस और ईरान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं. इस वैश्विक मंच पर अमेरिका के साथ फ्रांस और ब्रिटेन हैं, तो रूस के साथ चीन खड़ा नजर आ रहा है. सीरिया, रूस, ईरान और चीन ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की ओर से किए गए हवाई हमले की कड़ी निंदा की है. साथ ही इस सैन्य कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन करार दिया है. शनिवार को सीरिया पर अमेरिकी मिसाइल हमले रुके भी नहीं थे और रूस ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई, जहां रूस ने सीरिया में अमेरिकी हमले की निंदा करने का प्रस्ताव रखा. हालांकि रूस के इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद ने खारिज कर दिया. वहीं, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया पर मिसाइल हमले की कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिश की. ब्रिटेन ने कहा कि सीरिया पर हमला करने के सिवाय कोई विकल्प ही नहीं था. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने दुनिया के देशों से सीरिया पर मिसाइल हमले का समर्थन करने की अपील की है. इस मसले पर फ्रांस का कहना है कि सीरियाई सरकार ने अपने लोगों के खिलाफ केमिकल हथियारों का इस्तेमाल करके अंतरराष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ाईं और सुरक्षा परिषद में रूस ने सीरिया पर सैन्य कार्रवाई के प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल करके अड़ंगा लगाया.

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