संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू, विपक्ष सरकार को घेरने के मूड में
आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है। अब तक के जो सियासी संकेत और संदेश हैं, उस हिसाब से यह मोदी सरकार के 4 साल का सबसे ज्यादा घमासानवाला सत्र साबित हो सकता है। इस सत्र में जहां विपक्ष सरकार पर पहली बार हर तरह से हमला करने के मूड में है तो मोदी सरकार ने भी पलटवार करने की तैयारी कर ली है। साथ ही इस सत्र में विपक्षी एकता की भी परीक्षा होने वाली है। नीरव मोदी और पीएनबी घोटाले के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को घेरने के लिए कमर कस चुका है। विपक्ष इसे मोदी सरकार के सबसे बड़े घोटाले के रूप में पेश करेगा। इसके अलावा राफेल डील पर भी विपक्ष हंगामा करेगा। हालांकि सत्र से पहले ही विपक्ष में पीएनबी घोटाले की जांच को लेकर दरार उभर चुकी है। कांग्रेस ने जहां जेपीसी गठन की मांग की थी, वहीं टीएमसी सहित कुछ विपक्षी दलों ने इससे किनारा कर लिया था। सचिन तेंडुलकर और रेखा के लिए भी यह अंतिम संसद सत्र होगा। दोनों का टर्म अप्रैल में खत्म हो रहा है। दोनों ने संसद में अब तक एक भी मामले पर अपनी राय नहीं पेश की, न ही किसी बहस में शामिल हुए। हालांकि पिछली बार सचिन तेंडुलकर जरूर स्पोर्ट्स बिल पर बोलने के लिए उठे थे लेकिन हंगामे के कारण वह बोल नहीं सके थे। त्रिपुरा में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद बीजेपी भी विपक्ष पर पलटवार करने के मूड में है। करप्शन पर विपक्ष के हमले का जवाब पार्टी कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी के साथ देगी। साथ ही सरकार करप्शन से जुड़े 3 बिल भी इस सत्र में पेश करने की तैयारी में है। सरकार तीन तलाक और ओबीसी बिल को किसी भी सूरत में इस सत्र में पास कराने की कोशिश करेगी। बीजेपी को उम्मीद है कि दोनों बिलों से उसे सियासी लाभ हो सकता है। ध्यान हो कि तीन तलाक से जुड़े बिल में एक बार में तीन तलाक कहने वाले पति को जेल की सजा का प्रावधान है। यह बिल अपने आप में विवाद का विषय बना हुआ है। बीजेपी पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह इस बिल को बिना संशोधन संसद की मंजूरी दिलवाएगी जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल इसमें संशोधन की मांग कर रहे हैं।