रिमोट सेंसिंग उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
अपनी 38वीं उड़ान (पीएसएलवी-सी36) में, इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ने आज प्रात: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 1,235 किलो भार के रिसोर्ससैट -2ए उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रेक्षपण किया। यह पीएसएलवी का लगातार 37वां सफल मिशन है। पीएसएलवी-सी36 ने अपने प्रथम चरण के प्रज्वलन के साथ पहले लॉन्च पैड से प्रात: 10:25 उड़ान भरी। इसके बाद स्ट्रेप-ऑन प्रज्वलन और विलगन, प्रथम चरण विलगन, दूसरा चरण प्रज्वलन, पेलोड के बाद विलगन, दूसरा चरण विलगन, तीसरा चरण प्रज्वलन और विलगन, चौथा चरण प्रज्वलन और कट-ऑफ जैसे महत्वपूर्ण उड़ान कार्य योजना के अनुसार हुये। 17 मिनट 05 सेकंड की उड़ान के बाद यान ने धुव्र की ओर 98.725 डिग्री के कोण की ओर झुकी 824 किमी ऊंचाई पर स्थित ध्रुवीय सूर्य समकालिक कक्षा अर्जित की और 47 सेकंड बाद रिसोर्ससैट -2ए पीएसएलवी चौथे चरण से अलग हो गया था। विलगन के बाद, रिसोर्ससैट -2ए की दो सौर सरणियां स्वचालित रूप से तैनात हुई और बेंगलुरू में इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएससी) ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया। आने वाले दिनों में इस उपग्रह को अंतिम परिचालन विन्यास में लाया जाएगा, जिसके बाद यह अपने तीन कैमरों की मदद से फोटो भेजना शुरू कर देगा। रिसोर्ससैट -2ए द्वारा भेजे गए डेटा फसल क्षेत्र और फसल उत्पादन अनुमान, सूखे की निगरानी, मिट्टी मानचित्रण, फसल प्रणाली विश्लेषण और कृषि परामर्श से संबंधित कृषि अनुप्रयोगों में उपयोगी हो जाएगा।