राष्ट्रपति ने एयर चीफ मार्शल ह्रषिकेश मूलगावकर के निधन पर शोक व्यक्त किया
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने एयर चीफ मार्शल ह्रषिकेश मूलगावकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उनकी पुत्री श्रीमती ज्योति राय और पुत्र डॉ. प्रकाश मूलगावकर को भेजे एक शोक संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, ‘आपके पिता और पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ह्रषिकेश मूलगावकर के निधन की सूचना से मैं दुखी हूं।
एयर चीफ मार्शल मूलगावकर फरवरी 1976 से अगस्त 1978 तक भारतीय वायुसेना का विशिष्टता के साथ नेतृत्व किया। उन्हें 1948 में कश्मीर ऑपरेशन और जोजी ला के प्रसिद्ध युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए महावीर चक्र प्रदान किया गया। उन्हें पहली बार कई कार्य करने का श्रेय जाता है। वर्ष 1951 में वह ध्वनि से भी ज्यादा तेज रफ्तार से मिस्टिर-II लड़ाकू बॉम्बर उड़ाने वाले पहले भारतीय बने। वर्ष 1954 में मिग और जिनेट जैसे लड़ाकू विमान उडा़ने वाले पहले भारतीयों में भी वह हैं। एयर चीफ मार्शल मूलगावकर ने कई सुधारों और नियमों को लागू किए जिससे भारतीय वायुसेना में उड़ान सुरक्षा में काफी सुधार हुआ। वह न केवल बहादुर वायु सैनिक थे बल्कि भारतीय वायुसेना के सभी कर्मियों के कल्याण के लिए भी हमेशा चिंतित रहे। देश ने एयर चीफ मार्शल मूलगावकर को भारतीय वायुसेना में 38 सालों की उत्कृष्ट सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल देकर सम्मानित किया। उनकी सेवाओं को देश सदा याद रखेगा।
कृपया मेरी शोक संवेदनाओं को अपने परिवार के सभी सदस्यों तक पहुंचाए, मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आपको और आपके परिवार को इस अपूर्णनीय क्षति को सहन करने की शक्ति और साहस प्रदान करे।’