Breaking News:

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक विपुल शाह उत्तराखण्ड में नयी फिल्म को लेकर उत्सुक -

Thursday, May 16, 2024

बिना पंजीकरण चारधाम न आएं तीर्थयात्री, जानिए खबर -

Thursday, May 16, 2024

मेहनत से हारी गरीबी , सिक्योरिटी गार्ड की बेटी बनी जज -

Thursday, May 16, 2024

उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा में चयनित जज काजल रानी हुई सम्मानित -

Thursday, May 16, 2024

खलांगा पर्यावरण को लेकर दून की सामाजिक संस्थाएं हुई एकजुट, जानिए खबर -

Thursday, May 16, 2024

देहरादून : अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा ने रुद्राक्ष के पेड़ों का किया वृक्षारोपण -

Saturday, May 11, 2024

एस्ट्राजेनेका कम्पनी ने दुनियाभर से कोविशील्ड कोरोना टीका वापस मंगाया, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

देहरादून : कौन कौन से अवैध बस्तियों पर चलेगा बुलडोजर, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

सेंट मेरी स्कूल में “ब्लड डोनेशन कैम्प” का आयोजन, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

केजरीवाल जेल से आये बाहर, किया हनुमान का दर्शन, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

अक्षय तृतीया पर भव्य चंदन यात्रा दर्शन का आयोजन -

Sunday, May 5, 2024

पहचान : रवि बिजारनिया बने पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष -

Sunday, May 5, 2024

नगर निगम चुनाव देहरादून : महिलाओ के लिए 34 सीट होंगी आरक्षित -

Sunday, May 5, 2024

केन्या में एक बार फिर बाढ़ और भारी बारिश का कहर 150 लोगो की मौत, -

Wednesday, May 1, 2024

पहचान : पर्यावरण संरक्षण रत्न अवार्ड से अंकित तिवारी हुए सम्मानित -

Wednesday, May 1, 2024

सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार को एमजी मोटर्स ने किया लॉन्च , जानिए खबर -

Sunday, April 28, 2024

देहरादून : भारूवाला ग्रांट वार्ड में सफाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

जौनपुर : परीक्षा में “जय श्रीराम ” लिख कॉपिया भरी, पास हुए, अब शिक्षक हुए निलंबित -

Saturday, April 27, 2024

तीन महिलाओं को “वैम्पायर फेशियल” करवाना भारी पड़ा, हो गईं एड्स की शिकार, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य: एक सतत प्रयास…. -

Saturday, April 27, 2024



राज्यपाल बेबी रानी मौर्य जन स्वास्थ्य के प्रति सदैव सजग, जानिए खबर

उत्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के दो वर्ष…

देहरादून | राज्यपाल मौर्य जन स्वास्थ्य के प्रति भी सदैव सजग रही है। गत वर्ष डेंगू के प्रकोप के समय उन्होंने कई बार स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य महानिदेशक, डी0एम, नगर आयुक्त आदि को राजभवन बुलाकर आवश्यक निर्देश दिये। कोरोना वायरस की आपदा के समय भी राज्यपाल मौर्य ने सक्रियता दिखाई। वे स्वयं दून कोविड अस्पताल तथा ग्राफिक एरा क्वारंटीन सेण्टर पहुँची तथा वहाँ डाॅक्टर, नर्स, रोगियों से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया।

क्वारंटीन सेण्टरों, कोविड अस्पतालों, लैब में कार्यरत डाॅक्टर, नर्सों, टेक्नीशियनों से नियमित रूप से करती है बातचीत

राज्यपाल मौर्य ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित क्वारंटीन सेण्टरों, कोविड अस्पतालों, लैब में कार्यरत डाॅक्टर, नर्सों, टेक्नीशियनों से नियमित रूप से बातचीत की है तथा उनका फीडबैक भी लिया है। उन्होंने वीडियो काॅल के माध्यम से रोगियों से भी नियमित बात की है।  एक अनूठी मानवीय पहल करते हुए उन्होंने कोविड संक्रमण से मरने वाले व्यक्तियों के अंतिम दर्शन एवं संस्कार हेतु मुख्य सचिव को पत्र लिखकर ‘स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रासीजर’ जारी करने के निर्देश दिये। बहुत कम लोग जानते हैं कि राज्यपाल  मौर्य ने 5 टी.बी.रोगियों की देखभाल का जिम्मा उठा रखा है। प्रदेश में रक्तदान शिविरों पर भी विशेष ध्यान देती हैं।
उत्तराखण्ड की स्थानीय लोक संस्कृति एवं भाषा के प्रति मौर्य अत्यंत संवेदनशील हैं। राजभवन में प्रति वर्ष आयोजित होने वाले गवर्नर्स रिसर्च अवाॅर्ड में उन्होंने लोक भाषा-संस्कृति के संवर्द्धन से संबंधित शोध कार्य हेेतु एक नई कैटेगरी सृजित की। गर्वनर्स टाॅपर्स अवाॅर्ड के लिए उन्होंने नियमित बोर्ड परीक्षाओं के टाॅपर्स के साथ-साथ संस्कृत बोर्ड के 5 विद्यार्थियों हेतु नई कैटेगरी सृजित की। कोरोना लाॅकडाउन काल में राज्यपाल मौर्य ने विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं और राजभवन के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में नियमित रूप से खाद्य सामाग्री एवं राशन, सैनेटाइजर, माॅस्क आदि वितरित करवाये हैं। रेडक्राॅस संस्था की प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने इस आपदा में रेडक्राॅस के स्वयंसेवियों को नियमित प्रेरित किया। रेडक्राॅस के द्वारा लाॅकडाउन अवधि में 30 हजार से अधिक मास्क, 8 हजार से अधिक ग्लब्ज, 5 हजार सेनिटाइजर, 2 हजार से अधिक पी.पी.ई किट, 8 सौ यूनिट से अधिक रक्तदान एवं 5 हजार से अधिक राशन किट जरूरत मदों को वितरित किये गये। चार आपदा प्रभावित जनपदों में राहत सामाग्री एवं 1000 सेनेटरी पैड भी भेजे।

अनुसूचित जाति जनजाति एवं गरीब वर्ग के प्रति सदैव कार्यरत

राज्यपाल मौर्य समाज के अनुसूचित जाति जनजाति एवं गरीब वर्ग के प्रति सदैव कार्य करती रहती हैं। वे नियमित रूप से वाल्मीकि-गरीब बस्तियों में जाती हैं और वहाँ बच्चों-महिलाओं से मिलती हैं उनकी समस्यायें जानती हैं और उनका निराकरण भी करती हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन, दीपावली और नव वर्ष के अवसर पर वाल्मीकि बस्तियों का दौरा किया है। गरीब बच्चों को उपहार एवं मिठाईयाँ वितरित की हैं। टिफिन और छाते उपहार स्वरूप दिये हैं। राज्यपाल ने राज्य के प्रत्येक जनपदों में अपनी निगरानी में कम से कम एक अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम को माॅडल विलेज बनाने का निर्णय लिया है। 26 अगस्त को वे इसका प्रारंभ देहरादून के झाझरा ग्राम से कर रही हैं।

स्वर्ण प्राशन’ का अभियान प्रारंभ किया

राज्यपाल मौर्य उत्तराखण्ड की स्थानीय खाद्य संपदा, उपज, जड़ी-बूटी को सदैव प्रोत्साहित करती हैं। योग-आयुर्वेद की वे प्रबल समर्थक हैं। उनके प्रोत्साहन पर उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने स्कूली बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा उनके मानसिक विकास के लिए ‘स्वर्ण प्राशन’ का अभियान प्रारंभ किया है। इस अभियान को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा भी सराहना मिली है।

राज्यपाल का पर्यावरण संरक्षण तथा वृक्षारोपण के प्रति है विशेष रुचि

राज्यपाल मौर्य पर्यावरण संरक्षण तथा वृक्षारोपण के प्रति विशेष रुचि रखती हैं। राज्यपाल विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विद्यालयों के प्रत्येक भ्रमण कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं से पर्यावरण संरक्षण तथा वृक्षारोपण की अपील करती हैं। बच्चों को पेड़ लगाने के लिए सदैव प्रोत्साहित करती हैं। गत दो वर्षों में राज्यपाल मौर्य द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाली विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को समय-समय पर प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने राजभवन में पालिथीन निषेध और ग्रीन वर्क कल्चर को बढ़ावा दिया है।

Leave A Comment