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युवाओं को नशे की लत से बचाने को सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाएं आएं आगे

देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि युवाओं को नशे की लत से बचाने में समाज के विभिन्न वर्गो के साथ ही धार्मिक संस्थाओं को भी आगे आना होगा। युवा देश की पूंजी है। उन्हें नशे की बुरी आदतों से बचाना सभी का सामाजिक दायित्व है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि सभी धर्मो की संस्थाएं नशे के विरूद्ध युवाओं का सही मार्गदर्शन करें। बच्चों को नशे की आदतों से बचाने में उनकी माताएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अभिभावक अपने बच्चों पर निगरानी रखें तथा अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार भी दें। राज्यपाल ने कहा कि छात्र-छात्राएं स्कूल व काॅलेजों के आस-पास होने वाले नशे के व्यापार व नशे में लिप्त लोगों की सूचना बिना डरे तत्काल पुलिस को दें। बच्चे अपने ऐसे मित्रों की जो नशे के आदी हो गये है को स्नेह व सहयोग से नशे के विरूद्ध जागरूक करने का प्रयास करे तथा उनकी नशे की गिरफत से बाहर आने में मदद करें। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को राजभवन में आयोजित ‘‘एन्टी ड्रग्स ट्रेफिकिंग ’’ कार्यशाला का शुभारम्भ किया। राज्यपाल मौर्य ने घोषणा की कि नशे के विरूद्ध अभियान चलाने वाले बच्चों को राजभवन द्वारा सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि राज्यपाल द्वारा बेहद महत्वपूर्ण एवं ज्वलंत मुद्दे को उठाया गया है। युवा अपनी ऊर्जा व उत्साह को सही दिशा में लगाये। उत्तराखण्ड पुलिस विभाग नशे के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही व जन जागरूकता के कार्य कर रही है परन्तु नशे की बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिये समाज के सभी लोगों को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। पुलिस विभाग इस सम्बन्ध में एक कार्ययोजना बनाने जा रहा है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा वर्ष 2017 से निरन्तर एन्टी ड्रग्स टैªफिकिंग का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के स्तर पर इसकी निरन्तर समीक्षा की जा रही है। नशे के अपराधी, व्यापारी व माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। डीजीपी श्री रतूड़ी ने कहा कि नशे के व्यापार से सम्बन्धित किसी भी प्रकार सूचना उत्तराखण्ड पुलिस को निडर होकर दें। सूचना देने वाले का पहचान गुप्त रखी जाती है। पुलिस विभाग इस सम्बन्ध में हर प्रकार के सहयोग के लिये तत्पर है। एडीजी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस की वेबसाइट, फेसबुक पेज व सोशल मीडिया साइट पर एन्टी ड्रग्स टैªफिकिंग से सम्बन्धित विभिन्न जागरूकता वीडियों क्लिपस, शाॅर्ट फिल्मस व सामग्री उपलब्ध है। शिक्षण संस्थानों व लोगों द्वारा इनका उपयोग किया जा सकता है। डीआईजी एसटीएफ रिद्धम अग्रवाल ने जानकारी दी की नशे में भाग व चरस के नशे के उपयोग में सिक्किम, नागालैण्ड, उड़ीसा, दिल्ली, मिजोरम, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य आगे हैं। भांग व चरस के नशे के उपयोग में उत्तराखण्ड प्रथम 10 राज्यों में नहीं है। इस वर्ष उत्तराखण्ड से लगभग 1000 किलोग्राम गांजा तथा 150 किलोग्राम चरस रिकवर किया गया है। राज्य में वर्ष 2019 में 250 किलोग्राम डोडा रिकवर किया गया है। इस वर्ष लगभग 15 किलोग्राम अफीम व 7 किलोग्राम स्मैक व हिरोइन की रिक्वरी राज्य के विभिन्न जनपदों से की गई है। सिथेंटिक ड्रग्स में एलएसडी की रिकवरी की गई व गोवा से आए विदेशी पर्यटकों से वर्ष 2017 में 100 बलाॅटिंग पेपर की रिकवरी की गई थी। उत्तराखण्ड में ब्लाॅटिंग पेपर का प्रयोग नगण्य है। सचिव राज्यपाल रमेश कुमार सुधांशु ने कहा कि राज्यपाल के निर्देशानुसार नशे के विरूद्ध इस प्रकार की कार्यशालाएं प्रत्येक जनपद में चलाई जाएगी। हाल ही में राज्यपाल की अध्यक्षता में नैनीताल में भी इस प्रकार की कार्यशाला का सफल संचालन किया गया था। राज्यपाल द्वारा नशे के विरूद्ध अभियान को नेतृत्व देना जन-जागरूकता को नया आयाम देगा व उनके प्रयास युवाओं प्रेरणा देंगे। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं ने नशे के विरूद्ध अभियान को सफल बनाने हेतु राज्यपाल को सुझाव भी दिये। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने ‘‘एन्टी ड्रग्स टैªफिकिंग’’ अभियान के तहत राज्यभर के 1800 स्कूलों में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। एसटीएफ उत्तराखण्ड पुलिस तथा शिक्षा विभाग द्वारा ‘‘एन्टी ड्रग्स टैªफिकिंग’’ में केन्द्रीय विद्यालय ओएनजीसी, केन्द्रीय विद्यालय हाथीबड़कला, केन्द्रीय विद्यालय एफआरआई, आर्मी पब्लिक स्कूल, कान्वेन्ट आॅफ जीसस एण्ड मैरी स्कूल, समर वैली स्कूल, ब्राइटलैण्ड स्कूल, स्काॅलर होम सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल, हिम ज्योति स्कूल, सोशल बलूनी स्कूल, वेलहम बाॅयज स्कूल, दून इन्टरनेशनल स्कूल, टाईम्स वल्र्ड स्कूल, श्री गुरू नानक पब्लिक स्कूल, देहरादून के विभिन्न राजकीय इण्टर काॅलेजो व प0 ललित मोहन शर्मा गवर्नमेन्ट पी0जी0 काॅलेज ऋषिकेश के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में सचिव गृह नितेश झा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, पुलिस विभाग व शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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