Breaking News:

देहरादून : अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा ने रुद्राक्ष के पेड़ों का किया वृक्षारोपण -

Saturday, May 11, 2024

एस्ट्राजेनेका कम्पनी ने दुनियाभर से कोविशील्ड कोरोना टीका वापस मंगाया, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

देहरादून : कौन कौन से अवैध बस्तियों पर चलेगा बुलडोजर, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

सेंट मेरी स्कूल में “ब्लड डोनेशन कैम्प” का आयोजन, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

केजरीवाल जेल से आये बाहर, किया हनुमान का दर्शन, जानिए खबर -

Saturday, May 11, 2024

अक्षय तृतीया पर भव्य चंदन यात्रा दर्शन का आयोजन -

Sunday, May 5, 2024

पहचान : रवि बिजारनिया बने पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष -

Sunday, May 5, 2024

नगर निगम चुनाव देहरादून : महिलाओ के लिए 34 सीट होंगी आरक्षित -

Sunday, May 5, 2024

केन्या में एक बार फिर बाढ़ और भारी बारिश का कहर 150 लोगो की मौत, -

Wednesday, May 1, 2024

पहचान : पर्यावरण संरक्षण रत्न अवार्ड से अंकित तिवारी हुए सम्मानित -

Wednesday, May 1, 2024

सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार को एमजी मोटर्स ने किया लॉन्च , जानिए खबर -

Sunday, April 28, 2024

देहरादून : भारूवाला ग्रांट वार्ड में सफाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

जौनपुर : परीक्षा में “जय श्रीराम ” लिख कॉपिया भरी, पास हुए, अब शिक्षक हुए निलंबित -

Saturday, April 27, 2024

तीन महिलाओं को “वैम्पायर फेशियल” करवाना भारी पड़ा, हो गईं एड्स की शिकार, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य: एक सतत प्रयास…. -

Saturday, April 27, 2024

देहरादून की ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का मिला खिताब, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

राष्ट्रपति ने मेडिकल के 598 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की -

Tuesday, April 23, 2024

देहरादून : जेल में कैद बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत -

Tuesday, April 23, 2024

“मिस टीन उत्तराखंड” का आयोजन -

Tuesday, April 23, 2024

सत्ता के खातिर समाज को बांटने के लिए धर्म और जातिवाद की राजनीति करते हैं नरेन्द्र मोदीः करन माहरा -

Tuesday, April 23, 2024



मैक्स हाॅस्पिटल दो साल के बच्चे को दी नई जिंदगी

देहरादून । मैक्स हाॅस्पिटल देहरादून ने दो साल के बहरे बच्चे और उसके माता-पिता को नया जीवन दिया है। आयुष गुप्ता और विशाखा (बदला हुआ नाम) दोनो कामकाजी पति-पत्नी हैं और एक खुशहाल एवं सामान्य जीवन जी रहे हैं। अपने पहले बच्चे विवान के जन्म के बाद वे बहुत खुश थे। लेकिन जल्द ही उनकी सारी खुशी गहरे दुख में बदल गई, जब उन्हें पता चला कि उनका बच्चा बहरा है, वह सुन नहीं सकता। डाॅक्टरों से यह जानकारी मिलने के बाद माता-पिता बेहद दुखी हो गए, उन्हें लगा कि उनका ‘मम्मी’ और ‘पापा’ सुनने का सपना अधूरा ही रह जाएगा। बच्चे की जीभ भी अटकी हुई थी, जिसकी वजह से उसके लिए स्तनपान करना भी मुश्किल थ। माता-पिता इस झटके को झेल नहीं पा रहे थे। ‘‘जब भी हम डाॅक्टर के पास जाते, हम भगवान से यही प्रार्थना करते कि यह बात गलत निकले। हमारे परिवारों में बहरेपन का कोई इतिहास नहीं है। हमें यकीन ही नहीं हो रहा था कि विवान सुन नहीं सकता, हम यह सोच-सोच कर परेशान थे, कि उसकी आगे की जिंदगी कैसी होगी।’’ बच्चे की मां विशाखा ने बताया। ‘‘हमने कई अस्पतालों में संपर्क किया, हमें बताया गया कि काॅक्लियर इम्पलान्ट के द्वारा ही हमारे बच्चे का इलाज हो सकता है। मैं कई और मरीजों के परिवारों से मिली, जिनमें यह इम्प्लान्ट किया गया है। इससे हमें इम्प्लान्ट का फैसला लेने में मदद मिली। हम देहरादून में ही अपने बच्चे का इलाज कराना चाहते थे।’’ ‘‘तभी हमें पता चला कि डाॅ इराम खान मैक्स हाॅस्पिटल देहरादून में काॅक्लियर इम्प्लान्ट विशेषज्ञ हैं। हमने उनके साथ अपाॅइन्टमेन्ट बुक किया। इम्प्लान्ट की कीमत सभी जगहों पर लगभग एक समान है, हम अपने बच्चे के इलाज के लिए बेहतर देखभाल, हाइजीन और सुरक्षित वातावरण चाहते थे। हम डाॅ इराम से मिले और अपनी समस्या के बारे में बताया। उन्होंने हमें हर जरूरी जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि मैक्स देहरादून में ही हमारे बच्चे का इलाज ठीक तरह से हो सकता है।’’‘‘विवान एक स्वस्थ, मेल चाइल्ड है, जो बेहद सोशल है लेकिन सुनने की क्षमता न होने के कारण वह बोल भी नहीं सकता था। उसके लिए काॅक्लियर इम्प्लान्ट ही सही इलाज था। हमने इस केस के बारे में डाॅ ए के लहिरी के साथ चर्चा की, जो काॅक्लियर इम्प्लान्ट में विशेषज्ञ हैं, उन्होंने इस मामले में हमें पूरा सहयोग दिया।’’ डाॅ इराम खान, अटेन्डिंग कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट आॅफ ईएनटी ने बताया ‘‘26 मई 2019 को बच्चे की सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद विवान को 2 दिन तक अस्पताल में रखा गया और तीसरे दिन छुट्टी दे दी गई। काॅक्लियर इम्प्लान्ट को 10वें दिन स्विच करना था। 6 जून का दिन परिवार के लिए बेहद खास था क्योंकि इस दिन बच्चा पहली बार किसी आवाज के लिए रिस्पाॅड करने वाला था। परिवार इस मौके पर बेहद भावुक था, माता-पिता सही समय पर अस्पताल पहुंच गए। ठीक 3ः02 मिनट पर राईट साईड इलेक्ट्रोड पर सिगनल भेजा गया, विवान के लिए यह नया अनुभव था, उसने सिर हिलाकर रिस्पाॅन्स किया। परिवार के लिए भी यह बेहद भावुक क्षण था। आखिरकार माता-पिता की उलझन खत्म हो गई जब उन्हें पता चला कि अब उनका बच्चा सुन सकता है। इम्प्लान्ट के साथ-साथ उनकी प्रार्थना भी सफल हुई। काॅक्लियर इम्प्लान्ट एक इलेक्ट्राॅनिक मेडिकल डिवाइस है जिसमें भीतरी कान के क्षतिग्रस्त हिस्से को इस तरह ठीक किया जाता है कि आॅडियो सिगनल दिमाग तक पहुंच सकें।’’डाॅ इराम खान, ईएनटी स्पेशलिस्ट ने कहा, ‘‘काॅक्लियर इम्प्लान्ट परिवार के लिए जीवन को बदल देने वाला फैसला होता है, इसने बच्चे को नया जीवन दिया है। इम्प्लान्ट के बाद परिवार को बच्चे की बहुत देखभाल करनी होती है। बच्चे में बोलने की क्षमता विकसित करने केे लिए भी काम करना होता है। इस तरह पहली बार आवाज सुनने वाले बच्चे के लिए विशेष थेरेपी की जरूरत होती है।’’डाॅ संदीप सिंह तंवर, वाईस प्रेजीडेन्ट- आॅपरेशन्स एण्ड युनिट हैड, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून ने कहा, ‘‘काॅक्लियर इम्प्लान्ट बच्चे केे जीवन को बदलने वाला महत्वपूर्ण फैसला है, जिसमें माता-पिता और कन्सलटेन्ट स्पेशलिस्ट दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अपने पहले सफल काॅक्लियर इम्प्लान्ट के साथ मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में लोग देहरादून में ही हमारी इस सेवाओं से लाभान्वित होंगे।’’

Leave A Comment