Breaking News:

अक्षय तृतीया पर भव्य चंदन यात्रा दर्शन का आयोजन -

Sunday, May 5, 2024

पहचान : रवि बिजारनिया बने पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष -

Sunday, May 5, 2024

नगर निगम चुनाव देहरादून : महिलाओ के लिए 34 सीट होंगी आरक्षित -

Sunday, May 5, 2024

केन्या में एक बार फिर बाढ़ और भारी बारिश का कहर 150 लोगो की मौत, -

Wednesday, May 1, 2024

पहचान : पर्यावरण संरक्षण रत्न अवार्ड से अंकित तिवारी हुए सम्मानित -

Wednesday, May 1, 2024

सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार को एमजी मोटर्स ने किया लॉन्च , जानिए खबर -

Sunday, April 28, 2024

देहरादून : भारूवाला ग्रांट वार्ड में सफाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

जौनपुर : परीक्षा में “जय श्रीराम ” लिख कॉपिया भरी, पास हुए, अब शिक्षक हुए निलंबित -

Saturday, April 27, 2024

तीन महिलाओं को “वैम्पायर फेशियल” करवाना भारी पड़ा, हो गईं एड्स की शिकार, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य: एक सतत प्रयास…. -

Saturday, April 27, 2024

देहरादून की ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का मिला खिताब, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

राष्ट्रपति ने मेडिकल के 598 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की -

Tuesday, April 23, 2024

देहरादून : जेल में कैद बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत -

Tuesday, April 23, 2024

“मिस टीन उत्तराखंड” का आयोजन -

Tuesday, April 23, 2024

सत्ता के खातिर समाज को बांटने के लिए धर्म और जातिवाद की राजनीति करते हैं नरेन्द्र मोदीः करन माहरा -

Tuesday, April 23, 2024

चारधाम : एक सप्ताह में 12.5 लाख रजिस्ट्रेशन -

Monday, April 22, 2024

उत्तराखंड : प्रदेश में ईवीएम से अंतिम रूप से 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ -

Monday, April 22, 2024

मजदूर का बेटा बना आईएएस अफसर -

Monday, April 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : नाबालिग रेप पीड़िता को 7 माह का गर्भ गिराने की दी इजाजत -

Monday, April 22, 2024

केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत, 40 हज़ार से अधिक लोग हुए बेघर -

Monday, April 22, 2024



महिलाओं की सेहत के लिए संघर्ष कर रहीं ‘पैडवुमन’

sanitary-pads

आरिफ बेग, उन्नाव |यूपी के उन्नाव जिले के हसनगंज कस्बे में पिछले कुछ महीनों से अजीब से नजारे देखने में आते हैं। उन्नाव की पैडवुमन ने गांव में ही सैनिटरी पैड की फैक्ट्री लगाकर रूढ़ियों को चुनौती दी है। बरेली से एमएससी कर चुकी पद्मिनी की शादी 2008 में हसनगंज कस्बे के ओमप्रकाश से हुई थी। पति-पत्नी ने एक-दूसरे को हर मौके पर समर्थन दिया। ओमप्रकाश ने काम के लिए कॉमन सर्विस सेंटर खोला। इस बीच दिल्ली में एक सेमिनार में शामिल होने के बाद महिलाओं की बेहतरी के लिए पद्मिनी ने सैनिटरी पैड की फैक्ट्री लगाने के बारे में सोचा। पति ओमप्रकाश को इस बारे में बताया तो वह इसे मजाक समझ बैठे, लेकिन पत्नी के मजबूत इरादे ने उन्हें भी सोचने को मजबूर कर दिया। दंपती ने सरकारी स्कीम के तहत काम शुरू करने के लिए 2.94 लाख रुपये जमा कराए। चार मशीनों के साथ उन्हें पैड बनाने की ट्रेनिंग मिली। पिछले कुछ महीनों से सैनिटरी पैड बनाने का काम शुरू किया। फिलहाल उनके यहां 8 लोगों की रोजगार मिल रहा है। अभी वे स्कूलों में बच्चियों को पैड देकर जागरूक कर रही हैं। पद्मिनी ने गांव की महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पैड के इस्तेमाल के लिए समझाना शुरू किया, लेकिन कोई इस पर बात तक करने को तैयार नहीं था। बकौल पद्मिनी, कई महिलाएं धीरे से कहती थीं कि हम तो जमाने से कपड़े का प्रयोग कर रहे हैं। इसके इस्तेमाल से क्या होगा। उन्हें कपड़े के इस्तेमाल से संक्रमण और अन्य समस्याओं के बारे में बताया, लेकिन कुछ नहीं बदला। काफी महिलाओं ने तो इस वजह से बात तक करना बंद कर दिया। वह बताती हैं, ‘मैं जब नई उम्र की लड़कियों से जब वह कस्बे की गलियों में बात करती, तो वे दूर से ही किसी मर्द को देख झिझकतीं और चली जातीं।’ हालांकि इस कवायद में कई महिलाओं को समझाने में कामयाबी भी मिली। महिलाओं की इस झिझक को तोड़ने के लिए पद्मिनी स्कूलों में जाकर लड़कियों को सैनिटरी पैड के इस्तेमाल के लिए जागरूक करती हैं। पद्मिनी का कहना है कि महिलाएं धीरे-धीरे अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूक हो रही हैं। लेकिन दंपती के हौसले पर इससे फर्क नहीं पड़ रहा। ओमप्रकाश कहते हैं कि प्रतिस्पर्धा में बड़ी कंपनियों से कड़ी चुनौती मिलती है, लेकिन हम अपने मिशन में जरूर कामयाब होंगे।

 

Leave A Comment