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मछली पकड़ने के मामले में कृषि मंत्रालय का स्पष्टीकरण

bhvan

कृषि मंत्रालय ने मछुआरों के अधिकारों और मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है।12 नॉटिकल मील तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध राज्य सरकार का विषय है जो मछुआरों की आजीविका के हित में लगाया गया है। पिछले दो दशकों से विभिन्न अवधियों में तटवर्ती राज्यों की सरकारों द्वारा मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडु और केरल ने 47 दिनों का प्रतिबंध लगाया (1988-89 तक लागू रहा), गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा ने 67 दिनों का प्रतिबंध लगाया (1989-90 तक लागू रहा) और दमन दीव 75 दिन का प्रतिबंध लगा रहा है, जबकि कर्नाटक में यह 57 दिनों तक के लिए लगाया गया। बल्कि केरल देश का पहला ऐसा राज्य था जिसने अपने जलक्षेत्र में मछली पकड़ने पर पाबंदी लगाई। तटवर्ती राज्यों की सरकारों को सलाह दी गई है कि वह अपने जल क्षेत्र (0 से 12 नॉटिकल मील) में मछली पकड़े पर प्रतिबंध के लिए एक समान अवधि का पालन करें जैसा कि यह उनके साथ के जल क्षेत्र विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड- 12 से 200 नॉटिकल मील) में लागू की गई है। कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने जलक्षेत्र में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की अवधि अलग लागू किए जाने के मामले में उन्हें सलाह दी गई है कि एकरूपता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 5 साल की अवधि के भीतर एक समान रूप से अपने-अपने जल क्षेत्र में 61 दिन का प्रतिबंध लगाया जाए। जहां तक ईईजेड क्षेत्र (12 नॉटिकल मील से आगे) में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की बात है तो पहले यह 47 दिनों की अवधि के लिए लागू होता था लेकिन ऐसा देखा गया है कि राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की अवधि से यह अवधि मेल नहीं खा रही है क्योंकि राज्य अपने जल क्षेत्र में अलग अवधि लागू कर रहे थे। मछली पकड़ने को लेकर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग प्रतिबंध की अवधि से विवाद होता था क्योंकि इससे दूसरे राज्य की नौका अन्य प्रदेश के जल क्षेत्र में प्रवेश कर जाते थे। इसीलिए यह निर्णय किया गया है कि भारतीय ईईजेड (12 नॉटिकल माइल से 200 नॉटिकल माइल तक) में एक समान 61 दिन का प्रतिबंध लगाया जाए। इस प्रस्ताव पर केरल को छोड़कर सभी तटवर्ती राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों ने सहमति जतायी थी। हालांकि यह भी एक तथ्य है कि केरल ने पहले खुद अपने जल क्षेत्र में 1988 में 61 दिनों के लिए और 2006 में 67 दिनों के लिए प्रतिबंध लगाया था। जहां तक अनुमति पत्र( एलओपी) का मुद्दा है, इस संबध में सूचित किया जाता है कि इसकी शुरूआत वर्ष 2002 में हुई और ये तब से जारी है। यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि एलओपी केवल भारतीय उद्यमियो को संसाधन केंद्रित गहरे समुद्र में मछली पकड़ने संबधी गतिविधियों से उपार्जन और संचालन करने के लिए जारी किया जाता है ना कि मछली पकड़ने वाले विदेशी जहाजों को। एलओपी जहाजों को क्षेत्रीय जल से बाहर केवल ईईजेड क्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति दी जाती है।

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