भा रही है लोगो को कैदियों द्वारा तैयार किये गये उत्पाद
देहरादून। प्रदर्शनी में देहरादून व हरिद्वार कारागार के स्टाॅल भी लगाये गये हैं जिसमें कैदियों द्वारा तैयार किये गये उत्पाद रखे गये हैं जिसमें दरी, कम्प्यूटर टेबल, कालीन, कार्पेट, फर्नीचर का सामान व गौरेया के लिए लकड़ी का घर आदि इन कैदियों द्वारा तैयार किया गया है। उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद एवं विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वारा आयोजित नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में छठे दिन देहरादून वासियों का रूझान जयपुरी रजाईयों पर ज्यादा देखने को मिला। यह प्रदर्शनी 13 जनवरी तक चलेगी। राष्ट्रीय हैण्डलूम प्रदर्शनी में परेड ग्राउड में 110 हथकरघा के स्टाॅल लगाये गये हैं जिनमें से एक स्टाॅल राजस्थान के जयपुर का है जो छापोंला हथकरघा वस्त्र उत्पादक सहकारी समिति लि. द्वारा लगाया गया है। यहां पर देहरादूनवासियों को हल्की व सस्ती रजाईयां खरीदने का मौका मिल रहा है ये रजाईयाँ हथकरघा बुनकरों द्वारा तैयार की जाती हैं उसके बाद बाजारों में ग्राहकों के लिए पेश की जाती हैं। छपोंला हथकरधा उत्पादक के कृष्णपाल ने बताया कि इन रजाईयों को सैमल काॅटन व जयपुरी सफेद ऊन के मिश्रण से बनाया जाता है जो कि काफी हल्की व गरम रहती हैं इनमें सिंगल रजाईयों का वजन डेढ़ किलो व डबल बैड रजाई का वजन ढ़ाई किलो तक है। इन रजाईयों की कीमत भी बहुत कम है। रजाईयों के अलावा इस स्टाॅल में बैड सीट, घागरा, चुनी, सूट, साड़ी आदि हथकरघा उत्पादक उपलब्ध हैं।