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निजी स्कूलों में गरीब छात्रों को नहीं मिल रहा शिक्षा के अधिकार का लाभ

देहरादून । उत्तराखंड नवनिर्माण सेना द्वारा प्रदेश में व्यवस्थाओं में हो रही अनियमितताओं एवं शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत केंद्र सरकार के द्वारा भुगतान ना हो पाने के चलते उत्तराखंड में हजारों गरीब बच्चों के नये सत्र पर बनी संशय की परिस्थितिओं को समाप्त करने हेतु केंद्र सरकार को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा की कुछ समय पूर्व उत्तराखंड में राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों के एकीकरण के चलते हजारों विद्यालयों को बंद किया गया। सरकारी विद्यालओं में संसाधनों के अभाव के चलते शिक्षण हेतु परिस्थितियां काफी मुश्किल बनी हुई हैं। प्रदेश में आज भी शिक्षकांे के कई हजार पद खाली पड़े हैं, लाखों विद्यार्थी आज भी कड़कड़ाती ठण्ड में टाट पट्टी पर बैठ शिक्षा ग्रहण करने को बाध्य हैं। प्रदेश में नय सत्र में सरकारी विद्यालयों के संसाधनों के अभाव के चलते गरीब वर्ग के विद्यार्थी, शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत समस्त प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट यानी लगभग 95 हजार सीटगरीब विधार्थियों के लिए आरक्षित हैं, किन्तु पिछले 3 वर्षों से केंद्र द्वारा भुगतान प्राप्त ना हो पाने के चलते आज प्रदेश में कई हजार बच्चों का भविष्य पर नय सत्र में अंधकारमय होने की कगार पर है। प्राप्त सूचना अनुसार निजी स्कूलों को उत्तराखंड में लगभग 237 करोड़ के भुगतान होना बाकी है। प्राइवेट स्कूल अपने आप में शोषण का अभिप्राय हैं, किन्तु प्रदेश सरकारी स्कूलों के बदहाल व्यस्थाओं को देखते हुए इन हालात में 95 हजार विद्यार्थिओं के भविष्य को सुरक्षित करने प्राइवेट स्कूलों के पिछले भुगतान कर नय सत्र के लिए गरीब विद्यार्थिओं को शिक्षा के अधिकार देना आवश्यक। उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने द्वारा हाल में कहा गया की देश में आचार संहिता के चलते प्रस्ताव निर्वाचन आयोग के आस भेजा है। सोचते हैं की कहीं फाइल के इन फेर में कहीं प्रदेश के हजारों विद्यार्थिओं के भविष्य शिक्षा रहित ना हो जाय। इस ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग की बच्चे देश की सर्वाेच्च संपत्ति हैं और इनके भविष्य को सुरक्षित करना देश की सरकार की जिम्मदारी है। उत्तराखंड में शिक्षा के अधिकार के पिछले समस्त भुगतान क्लियर करने तथा व्यवस्था को पारदर्शी बनने के लिए त्वरित कदम उठायें जाएं। इस मौके पर सुशील कुमार, मनोज कुमार, वीरपाल नेगी, अजीत पंवार, राजेश कुमार, मदन वाल्मीकि, धर्मेंद्र इत्यादि मौजूद रहे।

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