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जीएसटी ‘ई-वे बिल’ एक अप्रैल से लागू किया जा सकता है

अंतर-राज्यीय माल की आपूर्ति के लिए एक अप्रैल 2018 से जीएसटी कानून के तहत ई-वे बिललागू किया जा सकता है। ऐसा होने पर 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं की एक राज्य से दूसरे राज्य तक ढुलाई के लिए जीएसटी नेटवर्क से ई-वे बिलजनरेट करना अनिवार्य होगा। हालांकि राज्य के भीतर सामान की ढुलाई के लिए ई-वे बिलचरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। वैसे रिटर्न भरने की प्रक्ति्रया को सरल बनाने पर आम राय नहीं बनने के कारण अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटी काउंसिल के सदस्य सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाले एक मंत्रिसमूह ने अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से ही ई-वे बिलकी व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की है। गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल ने कर चोरी रोकने के इरादे से एक फरवरी 2018 से ही अंतर-राज्यीय वस्तु व्यापार के लिए ई-वे बिललागू करने का निर्णय किया था। लेकिन पहले ही दिन देशभर में इन्वॉयस के भारी बोझ के चलते इसका आइटी ढांचा चरमरा गया और सरकार को इसका क्ति्रयान्वयन टालना पड़ा। इसके बाद ही काउंसिल ने मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह को ई-वे बिलको पुन: लागू करने के लिए उपयुक्त तारीख सुझाने और जरूरी आइटी तंत्र की तैयारियों का जायजा लेने का जिम्मा सौंपा था। मोदी ने कहा कि राज्यों के भीतर माल की आपूर्ति के लिए ई-वे बिलकी व्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से बाद में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चरण में 5-6 राज्यों में यह प्रणाली लागू की जाएगी, ताकि ई-वे बिलकी प्रणाली पर एक साथ बोझ न पड़े। उन्होंने कहा कि ई-वे बिलपोर्टल की क्षमता में एनआइसी (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर) ने विस्तार किया है और अब 50 से 75 लाख ई-वे बिलप्रतिदिन जनरेट किए जा सकेंगे। बैठक में मौजूद एनआइसी के अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित ई-वे बिल का दो राउंड का सफल परीक्षण हो चुका है। अभी इसका दो दौर का परीक्षण और किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरु में हर दिन करीब 14 लाख अंतर-राज्यीय ई-वे बिलजनरेट होने का अनुमान है। जीएसटी के तहत पंजीकृत असेसीज की संख्या एक करोड़ से अधिक हो चुकी है। साथ ही ई-वे बिलपोर्टल पर अब तक 9.5 लाख से अधिक करदाता और 8,500 से अधिक ट्रांसपोर्टर पंजीकृत हो चुके हैं। माना जा रहा है कि ई-वे बिल लागू होने से जीएसटी की चोरी रुकेगी, जिससे इस परोक्ष कर का संग्रह 15-20 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

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