केंद्र सरकार ने कश्मीर मुद्दे का स्थाई समाधान ढूढ़ लियाः राजनाथ सिंह
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा से सख्ती से निपटने के मोदी सरकार के संकल्प को सत्ताधारी बीजेपी ने भी दोहराया है। पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा है, जो बंदूक उठाएंगे, उनको गोली लगने का खतरा तो रहेगा ही। कश्मीर में जारी तनाव की पृष्ठभूमि में नेता ने कहा कि वह पत्थरबाजों को सभ्य समाज का हिस्सा नहीं मानते। उन्होंने कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा दे रहे अलगाववादियों से किसी तरह की बातचीत की संभावनाओं को भी खारिज किया। हालांकि, बीजेपी सूत्रों ने कहा कि कश्मीर के संकटग्रस्त इलाकों में हालात सुधर सकते हैं और सरकार इस दिशा में काम कर रही है। नेता ने कहा, हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में समस्याओं का समाधान जल्द ही निकल आएगा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि एनडीए सरकार ने कश्मीर मुद्दे का स्थाई हल ढूंढ लिया है, लेकिन देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने बातचीत के लिए अलगाववादियों को न्योता देने की किसी भी संभावना को खारिज किया, लेकिन यह भी कहा कि जो भी विकास और शांति की बात करेगा, उसका स्वागत है। राजनाथ ने कहा, श्हमें कश्मीर मुद्दे का स्थाई समाधान मिल गया है। पहल शुरू की जा चुकी है। हम आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने विस्तार से नहीं बताया कि किस तरह का समाधान ढूंढा गया है। सीनियर बीजेपी नेताओं के कॉमेंट्स से साफ तौर पर संकेत मिलता है कि सरकार हाल-फिलहाल में किसी राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने नहीं जा रही और श्बंदूक की नोकश् पर बातचीत के दबाव में नहीं आना चाहती। बीजेपी को लगता है कि कश्मीर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन का मकसद आतंकवाद को बढ़ावा देना है। वहीं, प्रदर्शनों को आर्थिक और अन्य किस्म की मदद कर रहे पाकिस्तान की भूमिका की वजह से भी इस प्रदर्शन से सख्ती से निपटने के लिए केंद्र सरकार का संकल्प मजबूत हुआ है। बीजेपी को लगता है कि इस मामले को हल करने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की मांगों को मानने का मतलब अलगाववादियों के हाथों में खेलना है। वे अलगाववादी, जिन्हें घाटी में शांति कायम करने से कोई मतलब नहीं है। वहीं, दूसरी ओर यह संदेश भी जाएगा कि सरकार आतंकियों और हिंसक प्रदर्शनकारियों के सामने झुक गई है। बीजेपी सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पर की जाने वाली फायरिंग का जवाब देने में आर्मी के रुख में कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि मोदी सरकार ने पड़ोसी के साथ तनाव करने के लिए राजनीतिक तरीके पूरी तरह से आजमा चुकी है। बीजेपी नेता ने कहा, श्पीएम ने पहल की और वह पाकिस्तान गए। हालांकि, अगर दूसरा पक्ष अपने तौर-तरीके बदलने के लिए तैयार नहीं है तो हम देश की सुरक्षा और सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकते। सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल पर फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर विवाद लंबे वक्त से चली आ रही समस्या है और सरकार हालात के सभी पहलुओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि सरकार के अलावा सेना ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा था कि अगर सामने से पत्थर और पेट्रोल बम बरस रहे हों तो वह अपने जवानों को मूकदर्शक बने रहने और मरने के लिए नहीं कह सकते।