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सोशल मीडिया ,भड़काउ पोस्ट और गए जेल, जानिए खबर

रुद्रप्रयाग । सोशल मीडिया में भड़काउ मैसेज पोस्ट करने के मामले में सीजीएम सचिन कुमार पाठक की अदालत ने उत्तराखण्ड रक्षा अभियान के संरक्षक एवं वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी स्वामी दर्शन भारती को पुलिस रिमांड में पुरसाड़ी जेल भेज दिया है। स्वामी को जेल भेजे जाने के बाद से उनके समर्थकों में आक्रोश फैल गया है। उनकी माने तो हिन्दुत्व का ढिंढोरा पीटने वाली केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार के राज में जिहादी लोगों के मजे हैं और समर्पित लोगों पर कानून का शिकंजा कसा जा रहा है। गौरतलब है कि गत् वर्ष छः अप्रैल 2018 को अगस्त्यमुनि क्षेत्र में एक समुदाय विशेष की छात्रा के साथ अभद्रता किये जाने को लेकर कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर संदेश पोस्ट किये गये, जिसके बाद क्षेत्र में अच्छा खासा माहौल बिगड़ गया। जिससे कानून व्यवस्था गड़बड़ा गई थी और इसी संदेश के चलते शहर में आगजनी की घटनाएं और दुकानों में तोड़फोड़ की गई थी। बाद में पुलिस ने शांति व्यवस्था बहाल करने के उद्देश्य से कफ्र्यू लगा दिया था। इस घटना से लोगों में दहशत का माहौल बन गया था। घटना को लेकर छात्रों ने स्कूल, काॅलेज तक भी बंद करा दिये थे। आरोप यहां तक भी लगे थे कि एक समुदाय विशेष के लोगों के व्यवसाय को निशाना बनाकर उन्हें नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उत्तराखण्ड रक्षा अभियान के संरक्षक एवं वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी स्वामी दर्शन भारती को भी इस मामले में पुलिस ने आरोपी बनाया था। भारती काफी समय से कानून की पकड़ से बाहर चल रहे थे, जिस कारण उनके विरूद्ध वारंट जारी हुआ था। सोमवार को उन्होंने अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया और भारी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। भारती के विरूद्ध सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम व भारतीय दंड संहिता की धारा 153 के अन्तर्गत आरोप लगाये गये हैं। आत्मसमर्पण करने से पहले राज्य आंदोलनकारी स्वामी दर्शन भारी ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान में राज्य और केन्द्र में भाजपा की सरकार है और भाजपा हिन्दुत्व की बात करती है, लेकिन जब इस तरह के मामले सामने आते हैं और कोई हिन्दुत्व की बात को लेकर आंदोलन करता है तो फिर सरकारें पीछे हट जाती हैं और समर्पित कार्यकर्ता को खामियाजा भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज वे जेल जा रहे हैं, यही इस बात का उदाहरण है कि सरकारें कितनी संवेदनहीन हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा संख्या में बंगाल और दूसरे नम्बर पर उत्तराखण्ड में मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। इन लोगों की वजह से देवभूमि की छवि धूमिल हो रही है। माताओं और बहनों की अस्मिता को लेकर उत्तराखण्ड रक्षा अभियान आंदोलन छेड़े हुए है। उन्होंने कहा कि जेल में रहकर वे भी आंदोलन को और तेज करेंगे। समर्थन में पहुंचे उत्तराखण्ड रक्षा अभियान के संयोजक हरिकृष्ण किमोठी ने कहा कि स्वामी भारती को ब्लड प्रेशर की बीमारी है और उनका ईलाज चल रहा है, बावजूद इसके वे अपने आप को आत्मसमर्पण करने के लिए कोर्ट पहुंचे। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व की रक्षा को लेकर उत्तराखण्ड रक्षा अभियान की शुरूआत की गई और आज पूरे उत्तराखण्ड में अभियान को भारी समर्थन मिल रहा है। कहा कि केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार को शर्म आनी चाहिए। खुले मंच पर हिन्दुत्व की बात करने वाले आज मुंह छिपाकर बैठे हैं। एक तरफ स्वामी दर्शन भारती जैसे व्यक्ति अपनी माताओं और बहनों की सुरक्षा को लेकर आंदोलन छेड़े हुए है, वहीं राजनेता सिर्फ अपनी रोटियां सेकने में लगे हैं।

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