मध्यप्रदेश में किसान आंदोलनः जमानत लेने के बाद रिहा हुए थे राहुल गांधी
भोपाल। मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिसिया फायरिंग में हुई मौत के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने जाने के दौरान नीमच में गिरफ्तार किये गये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. पहले तो वे जमानत लेने से इनकार करते रहे, लेकिन पीड़ित परिवारों से मिलने की इजाजत मिलने के बाद उन्होंने जमानत लेना स्वीकार कर लिया. बताया जा रहा है कि यह मुलाकात मंदसौर में नहीं, बल्कि एमपी-राजस्थान के बन्नर्डर पर होगी. इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनके समर्थकों सहित मध्यप्रदेश में प्रवेश करने के दौरान हिरासत में ले लिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा राजस्थान कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट और मध्यप्रदेश के विधायक जयवर्धन सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है. इन्हें एक सीमेंट कंपनी के गेस्टहाउस ले जाया गया है. राहुल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अमीर लोगों के कर्ज माफ कर सकते हैं, लेकिन किसानों के लिए ऐसा नहीं कर सकते. राहुल के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी थे. राहुल ने राज्य में प्रवेश करने से उन्हें रोकने के लिए किये गये व्यापक पुलिस सबंधों को धता बताया. जब राहुल एवं उनके साथ मौजूद लोग नीमच के नया गांव से मंदसौर की ओर बढ़े तो ‘जय जवान जय किसानश् और ‘राहुल गांधी जिंदाबादश् के नारे सुने जा सकते थे. मंदसौर किसान आंदोलन का केंद्र बन गया है, जहां मंगलवार को पांच किसानों की मौत हो गयी थी. जब राहुल आगे बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान नाटकीय स्थिति पैदा हो गयी. पुलिस ने जब उन्हें पीछे करने की कोशिश की, तो वह एक खेत में घुस गये और उन्हें हिरासत में लिया गया. पुलिस ने बताया कि राहुल किसानों के परिजनों से मिलने के लिए अड़े रहे और मध्यप्रदेश में प्रवेश से पहले 100 मीटर पैदल चले.