भारत मिस्र को एशिया एवं अफ्रीका के बीच एक सेतु के रूप में देखता है : राष्ट्रपति
मिस्र के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत और मिस्र के बीच ऐतिहासिक एवं सभ्यता के विकास से जुड़े रिश्ते रहे हैं। दोनों देशों ने एक साथ मिलकर इस क्षेत्र एवं इससे आगे शांति एवं विकास में योगदान दिया है और लगातार योगदान दे रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सीसी की यात्रा एवं ऐसे आदान-प्रदानों से भारत-मिस्र साझेदारी को और मजबूती मिलेगी तथा यह इसे और ऊंचे स्तर तक ले जाने में सहायता प्रदान करेगा। राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत मिस्र को पश्चिम एशिया एवं उत्तर अफ्रीका क्षेत्र में एक महाशक्ति, एशिया एवं अफ्रीका के बीच एक सेतु तथा अफ्रीका एवं अरब विश्व के एक प्रमुख देश के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि भारत यह देखकर बहुत प्रसन्न है कि मिस्र सीसी के नेतृत्व में राजनैतिक स्थिरता एवं आर्थिक विकास की दिशा में प्रगति कर रहा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसके बाद अपने प्रीतिभोज संबोधन में कहा कि दोनों देशों के संस्थापक जनक – टैगोर एवं शावकी, गांधी एवं जाघलाओल, नेहरू एवं नसीर एक-दूसरे को काफी सम्मान देते थे जिसने भारत-मिस्र साझेदारी को प्रेरित किया। उन्होंने दोनों देशों के लिए वह रास्ता प्रशस्त किया जिसमें दोनों देश दो स्वतंत्र राष्ट्रों के रूप में द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय मंचों पर एक-दूसरे को सहयोग देते हैं।