बच्चियों से रेप पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, देशभर की अदालतों से मांगी रिपोर्ट
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में 8 महीने की बच्ची से रेप के मामले में सुनवाई के दौरान पूछा कि देशभर की अदालतों में 10 साल तक की बच्चियों से रेप के कितने मामले पेंडिंग हैं। कोर्ट ने पिटीशनर से इस संबंध में डिटेल रिपोर्ट मांगी है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था, “बच्चियों से रेप पर सुप्रीम कोर्ट पहले भी चिंता जता चुका है। बच्चियों से होने वाले बर्बर और अमानवीय सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ सख्त कानून बनाने का काम हमने संसद पर छोड़ा था। अब तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे में आज फिर हमें वही बात दोहरानी पड़ रही है।”एएसजी पीएस नरसिम्हन, तुषार मेहता और पिंकी आनंद तय वक्त पर कोर्ट पहुंच गए। सुनवाई के दौरान अलख आलोक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में आदेश दिया था कि 10 साल तक की बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए सख्त सजा का प्रॉविजन किया जाए। अब तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि, कोर्ट निर्देश दे कि 12 साल तक की बच्चियों से रेप का ट्रायल छह महीने में पूरा कर दोषियों को मौत की सजा दी जाए।