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नेशनल महिला कुश्ती खिलाड़ी शारदा ठेले पर पोहा बेच चला रही घर का खर्च

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रायपुर (छत्तीसगढ़) | एक बबिता कुमारी वह कुश्ती की खिलाड़ी है जो ओलिंपिक में अपने खेल के दम पर देश को पदक दिलाया और इनके इस सफलता पर ढेरो पुरस्कार की बरसात हुई तथा साथ ही साथ अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया वही दूसरी तस्वीर एक नेशनल प्लेयर को अपना घर चलाने के लिए ठेले पर पोहा बेचना पड़ रहा है। शारदा यादव नाम की यह प्लेयर 2013 में जूनियर और 2014 में सीनियर लेवल की नेशनल चैम्पियनशिप में भाग ले चुकी है। अगले महीने भोपाल में होने जा रहे नेशनल स्कूल गेम्स में भी वह छत्तीसगढ़ को रिप्रेजेंट करेगी। इन सब वाक्यांश का आशय यह नही की महिला खिलाड़ी बबिता को ऐसा संम्मान क्यों दिया जा रहा है बल्कि एक और बबिता बनना चाहने वाली शारदा यादव को ऐसी सुविधाये क्यों नही जिससे देश के पदको में इजाफा हो सके |

शारदा ने अपने तीन बहनों की शादी भी कराई

शारदा जब बहुत छोटी थी, तभी उसके पिता का साया उनसे दूर हो गया था आकस्मिक निधन हो गया था । मां के साथ दूसरे घरों में काम करके कुछ पैसा इकट्ठा किया और फिर पोहे का ठेला लगाना शुरू किया। शारदा की पांच बहनें और हैं। इनमें से तीन बड़ी बहनों की वह शादी करवा चुकी है। उसके काम में मां भी हाथ बंटाती हैं। जिससे घर का जीवन यापन हो सके |

ओलिंपिक पर है अगला लक्ष्य , लेकिन गरीबी आ रही सामने

शारदा ओलिंपिक गेम्स में देश के लिए मेडल जीतना चाहती है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने गरीबी की वजह से उसे नियमतः डाइट भी नहीं मिल पाती है।इतनी दिक्कत के बावजूद किसी न किसी तरह शारदा आधी डाइट लेकर ही प्रैक्टिस करती है। इसके पहले उसे घर और ठेले का काम भी पूरा करना पड़ता है। शारदा रोजाना चार घंटे प्रैक्टिस करती है।

खेल मंत्री का जबाब

शारदा को लेकर सवाल किए जाने पर छत्तीसगढ़ के स्पोर्ट्स मिनिस्टर भैयालाल राजवाड़े नाराज हो गए। उन्होंने कहा,प्रदेश में और भी खेल और काम हैं, किसी एक खेल या खिलाड़ी पर ध्यान नहीं दिया जा सकता।

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