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निभा रहे प्रशासनिक अधिकारी अतिथि देवो भवः की परम्परा, जानिए ख़बर

रुद्रप्रयाग । केदारनाथ यात्रा प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इस चुनौती का प्रशासन डटकर सामना कर रहा है। यात्रा में आये तीर्थयात्रियों की हरसंभव मदद की जा रही है। इस बार बर्फवारी और बारिश के कारण यात्रा में अड़चने पैदा हुई हैं, बावजूद इसके प्रशासनिक अमला यात्रियों को सुविधाएं जुटाने में लगा है। आये दिन व्यवस्थाओं को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। केदारनाथ के लिए नौ हेली सेवाओं का संचालन शुरू हो गया है। अब टिकट को लेकर परेशान तीर्थयात्रियों को राहत मिल गई है। इसके अलावा धाम में रहने व खाने के लिए गढ़वाल मण्डल विकास निगम ने एक दर्जन और टेंटो को लगाया है। अब तक केदार यात्रा का आंकड़ा 23 दिन के भीतर ढाई लाख के पार पहुंच गया है। दरअसल, केदारनाथ यात्रा में व्यवस्थाओं को जुटाना किसी पहाड़ सी चुनौती से कम नहीं है। शीतकाल में धाम बर्फ से ढका रहता है तो ग्रीष्मकाल में लगातार बारिश का सिलसिला जारी रहता है। भगवान भोले के दरबार में वर्ष 2013 की आपदा के बाद से कार्य किये जा रहे हैं। इन कार्यों को अमलीजामा पहनाने के साथ ही हर साल कपाट खुलने पर तीर्थयात्रियों को व्यवस्थाएं जुटाने का भी कार्य किया जाता है। पिछले वर्ष का रिकार्ड देखें तो सात लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किये। यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा रिकार्ड रहा है। धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर भी कार्य किया जा रहा है। शीतकाल में भी धाम में कार्य किये जाते हैं, लेकिन इस वर्ष अत्यधिक बर्फवारी के कारण धाम में कोई भी कार्य नहीं हो पाए, इसके अलावा यात्रा व्यवस्थाओं को जुटाने में काफी हद तक समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन प्रशासन ने इन चुनौतियांे का डटकर सामना किया। गौरीकुंड से केदारनाथ यात्रा मार्ग को सुदृढ़ किया गया तो केदारनाथ में बर्फ हटाकर तीर्थयात्रियों के लिए रहने व खाने की उचित व्यवस्था की। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं का भी विशेष ध्यान रखा। इस बार अधिक ठंड होने से तीर्थयात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही है, बावजूद इसके सभी तीर्थयात्रियों का ध्यान रखा जा रहा है। तीर्थयात्रियो को ठंड लगने पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी रात-दिन अतिथि देवोः भव की परम्परा निभा रहे हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारनाथ यात्रा में चुनौतियां बहुत सारी है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशासन हर स्तर पर प्रयासरत है। केदारनाथ के लिए दो और हेली सेवाओं का संचालन शुरू कर दिया है। जीएमवीएन की ओर से हवाई सेवाओं की टिकट काफी जा रही है, जबकि श्रद्धालु जीएमवीएन की वेब साइड से टिकट बुक भी करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हवाओं सेवाओं में लगे कर्मचारियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। केदारनाथ हेलीपैड पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि हेलीकाॅप्टर से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला और बिठाया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद से हेली कंपनियों की कार्यप्रणाली में काफी हद तक सुधार आ गया है। उन्होंने कहा कि सात हेली सेवाएं टेंडर के जरिये संचालित हो रही है। इन पर भी प्रशासन की पूरी नजर है। नोडल अधिकारी हेली कंपनियों पर नजर बनाये हुए हैं। आये दिन तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। केदारनाथ में मौसम कब बदल जाय, कहा नहीं जा सकता। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए टोकन व्यवस्था को विराम दिया गया है। कहा कि बढ़ते यात्रा के दबाव के चलते एक दर्जन टेंट और लगा दिये गये हैं। इस बार केदारधाम में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। दस महिला समूह यात्रा मार्ग पर दुकानों का संचालन कर रही है, जबकि चैलाई के लड्डू का प्रसाद भोले को चढ़ रहा है। पिछले साल यात्रा में सात लाख का आंकड़ा पार हुआ था। इस बार यह आंकड़ा आठ लाख तक जायेगा।

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