गर्व के साथ करें देश और नौसेना की सेवा : एडमिरल आर.के.धोवन
भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) की एक प्रभावशाली पासिंग-आउट पैरेड (पीओपी) में भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक के 330 कैडेट और विदेशी मित्र देशों के छह कैडेटों ने अपने प्रशिक्षण का सफल समापन किया। यह पीओपी आज सुबह 89वां भारतीय नौसेना अकादमी पाठ्यक्रम (पीबी टेक) और (एमएससी) पाठ्यक्रमों के कैडेटों की भारतीय नौसेना में कमीशनिंग का प्रतीक रहा। ये पासिंग-आउट कैडेट शरदकाल अवधि 2015 के चार विभिन्न पाठ्यक्रमों- 89वां भारतीय नौसेना अकादमी पाठ्यक्रम (आईएनएसी) बीटेक और एमएससी पाठ्यक्रमों, 20वां नैवल ओरिएंटेशन कोर्स (विस्तारित), और 21वां नैवल ओरिएंटेशन कोर्स (नियमित) से संबंधित थे। स्नात्तक करने और मार्च करने में पुरूष कैडेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली भारतीय नौसेना एवं भारतीय तटरक्षक की 21 महिला कैडेट भी उनके साथ थी। नौ-सेनाध्यक्ष एडमिरल आर.के.धोवन ने पैरेड की समीक्षा की। औपचारिक समीक्षा के बाद एडमिरल ने नौ प्रतिभाशाली कैडेटों को पदकों से सम्मानित किया। अपने संबोधन में एडमिरल ने पासिंग-आउट कैडेटों को बधाई दी और उन्हें गर्व के साथ देश और नौसेना की सेवा करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कैडेटों को हमेशा पांच मूल्यों को याद रखना चाहिए। इन पांच मूल्यों में पहली – देश और नौसेना के लिए सर्वोच्च बलिदान देने की प्रतिबद्धता है, दूसरा शारीरिक और नैतिक साहस है, तीसरा जिनका आप नेतृत्व करते हैं उन पुरूषों और महिलाओँ के प्रति करूणा का भाव है, चौथा – प्रदर्शन एवं चरित्र को लेकर आपकी साख है, और पांचवा तथा अंतिम हमेशा और हर वक्त संदेह से परे सत्यनिष्ठा है। उन्होंने कैडेटों को नौसेना एवं जीवन में, जो कुछ भी वो करते हैं, उनमें हमेशा उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ अपने भाषण का समापन किया। दक्षिणी नौसेना कमान के प्रधान सेनापति, वाईस एडमिरल सुनील लांबा, आईएनए के कमांडेंट वाइस एडमिरल अजीत कुमार भी इन ऐतिहासिक क्षणों के गवाह थे। इससे पहले 23 नवंबर को सभी पासिंग-आउट कैडेट ने प्रेरणास्थल के युद्ध स्मारक पर निष्ठा की शपथ ली थी जिसका प्रबंधन डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्पेक्टर, रियर एडमिरल एम.डी.सुरेश ने किया था। पासिंग-आउट पैरेड के साक्षी सभी सफल कैडेटों के गर्वीले माता-पिता एवं अभिभावक, बड़ी संख्या में स्थानीय एवं बाहरी गणमान्य व्यक्ति तथा मीडिया से जुड़े व्यक्ति भी थे।