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गरीब छात्रों की मदद के लिए किताबें एकत्र करता है यह युवक

चंडीगढ़ |आज भी ऐसे कई छात्र हैं जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से वे किताबें खरीदकर नहीं पढ़ सकते। ऐसे ही छात्रों की मदद का बीड़ा उठाया है चंडीगढ़ के 27 वर्षीय संदीप कुमार ने। संदीप ओपन आई फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ चलाते हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और झुग्गियों में जाकर छात्रों की पहचान करनी शुरू की, जो किताबें खरीद हीं सकते थे और उनकी मदद करने लगे। दो साल में उन्होंने 50,000 से अधिक किताबें एकत्र कीं। संदीप ने बताया, ‘भिवानी में मेरे जेबीटी प्रशिक्षण के दिनों के दौरान, मैंने पाया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के पास किताबें खरीदने के लिए संसाधन नहीं थे। जब मैं वापस चंडीगढ़ आया, तो मुझे कई सरकारी स्कूलों में ऐसी ही स्थिति मिली। मैं एक प्रफेसर के संपर्क में आया और तीन दिनों के लिए सेक्टर 11 के एक सरकारी कॉलेज में एक स्टॉल लगाने की अनुमति मांगी। शिविर में, मैंने छात्रों और संकाय सदस्यों को ऐसे किताबें दान करने को कहा जिनकी उन्हें अब आवश्यकता नहीं थी।’ इस पहल के बाद संदीप के कदम नहीं रुके और उन्होंने अपने साथ दो सौ से ज्यादा वॉलनटिअर्स को जोड़ा। ये वॉलनटिअर्स घर-घर जाकर किताबें एकत्र करते हैं और गरीब बच्चों में वितरित करते हैं। किताबें देने से पहले यहां व्यक्तियों से एक फॉर्म भरने का अनुरोध किया जाता है। उनसे इस बात का आश्वासन लिया जाता है कि वह उद्देश्य पूरा होने के बाद पुस्तकें वापस कर देंगे।

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