अमीरों का कानून
हमारे देश का कानून आज के दौर में अमीरों के लिए सौगात के बराबर लगता हैं गरीबो के लिए औकात के बराबर लगता हैं। यह जुमला इस दौर में उचित बैठता हैं हार्इ कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के वकीलो की फीस की बात हो या निचले अदालत के वकीलों की फीस की बात। कुछ सामाजिक वकीलों द्वारा गरीबी तबके के लोगो से बिना फीस लिए केस लड़ते हैं यहां तक तथ्य तो सही हैं इसके अलावा जिनके पास केस लड़ने के लिए रूपये नही होते वह इस कानून की लड़ार्इ में पहले ही हारा हुआ महसूस करते हैं। पैसे रूपये वालो…