कानून के नियमों के प्रतिपालन का बोझ न्यायाधीशों पर : उपराष्ट्रपति
भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने कहा कि कानून के नियमों के प्रतिपादन का बोझ न्यायाधीशों पर है। उपराष्ट्रपति आज लखनऊ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की 150वीं वर्षगांठ के समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उत्तरप्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाइक, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरोकारों के मामले में सुधारों को लागू करने में कार्यकारिणी की विफलता के विपरीत न्याय पालिका के लिए लोगों में स्थापित परंपरागत प्रतिष्ठा को अपनी सक्रियता द्वारा फिर से स्थापित करना होगा, और अधिकारों के बढ़ते दायरों में अच्छे कामों के संदर्भ में यह विशेष रूप से सच है। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि न्याय तक पहुंच में कमी, इसकी ऊंची लागत, न्याय होने में देरी, जवाबदेही के लिए एक तंत्र की कमी और भ्रष्टाचार के आरोपों ने इस संस्थान की प्रभावोत्पादकता के बारे में निराशा और संदेह पैदा किया, जिसके प्रति सजग होना होगा। उन्होंने आगे कहा कि चिंता का एक अन्य क्षेत्र समय-समय पर न्याय पालिका के सदस्यों की घोषणाओं में उजागर होने वाला एक अच्छा संकेत