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आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार पर अपराधियों को बचाने का लगाया आरोप

 

देहरादून। आम आदमी पार्टी के संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी वीआईपी का नाम अब तक उजागर करने के बजाय छुपाने के लिए लगातार सरकार प्रयास कर रही है। एसआईटी पर दबाव बनाकर इस नाम को उजागर होने से रोके हुए है। आम आदमी पार्टी अंकिता हत्याकांड की घटना की जानकारी सार्वजनिक होने के पहले दिन से पुलिस थाने से लेकर के महामहिम राज्यपाल तक अंकिता की हत्या की जांच हाईकोर्ट के जज की देखरेख में कराने की मांग लगातार कर रही है। इसके लिए हमने धरना दिया, प्रदर्शन किये, कैंडल मार्च निकाला और हमारे अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने, सामाजिक संगठनों ने लगातार इस मुद्दे को उजागर करने का प्रयास किया। लेकिन सरकार की कान पर जूं नहीं रेंगी। सरकार वीआईपी का नाम लगातार छुपा रही है। इस घटना में सबसे पहला दोषी वह पटवारी है जिसने 5 दिन तक अंकिता के पिता की एफ आई आर दर्ज नहीं की। उसको गिरफ्तार होना चाहिए था।
दूसरा दोषी वह लोग हैं जिन्होंने रातों-रात बुलडोजर ले जाकर साक्ष्यों को छुपाने के लिए अंकिता जिस कमरे में रहती थी उस कमरे को तोड़ा। इस बात को एसआईटी ने कोर्ट ने स्वीकार किया कि उनको फॉरेंसिक जांच के लिए घटनास्थल पर साक्ष्य नहीं मिले और इसकी वजह है कि साक्ष्य बुलडोजर के माध्यम से नेस्तनाबूद कर दिए गए। उन बुल्डोजर चलाने वालों को जेल में होना चाहिए था। पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि वनान्तरा रिसोर्ट और उसके पीछे जो फैक्ट्री है जो घटना स्थल है जहां पर अंकिता के साथ अन्याय की शुरुआत हुई उस रिसोर्ट का स्वामी विनोद आर्य हैं। जिसको सरकार शुरू दिन से लेकर आज तक बचा रही है। उसको गिरफ्तार होना चाहिए था। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं, वीआईपी का नाम उजागर करके उसको जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था। कोई कार्यवाही नहीं हुई और अब एक नया तथ्य जो पिछले 2 दिन से सोशल मीडिया पर तैर रहा है कि यह परिवार केवल अंकिता का हत्यारा नहीं बल्कि यौन शोषण के अपराध में भी लिप्त है। जिस ड्राइवर ने इस मामले को उजागर किया, पुलिस में उसकी सुनवाई नहीं हुई। उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश हो गए उसके बावजूद विनोद आर्य को गिरफ्तार न किया जाना, बीआईपी का नाम उजागर न करना, नार्काे टेस्ट में बिलम्ब भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा अपनी पार्टी के अपराधियों को बचाने की पूरी पूरी कोशिश दिख रही है। पुलिस की जांच को भटका रही है।

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