कहाँ गये धर्म के ठेकेदार
हमारे देश मे धर्म के आड़ मे अनेक कुरीतिया और अंधविश्वास हो सकते है . इतना ही नहीं धर्म के ठेकेदार धर्म के आड़ मे अपना बाज़ार चमकाने के लिये तोड़ फोड़,आगज़नी, चक्काजाम, कर सकते है लेकिन देश मे महिलाओ पर हो रहे अत्याचार के लिये इन सभी के हाथ बदद् जाते है .हाल ही मे उदयगढ़ के एक गाव मे भीड़ पंचायत मे कुछ युवको ने एक महिला को निवस्त्र कर उसके बाल काट के पूरे गाव मे घुमाया . क्या हमारा समाज पी के फिल्म के लिये तोड़ फोड़,आगज़नी, चक्काजाम, कर सकते है जो की अनुचीत है तो महिलाओ के प्रति एसे अत्याचार पर आंदोलन क्यो नहीं.प्रतिदिन महिलाओ पर हो रही अत्याचार जॅहा अख़बारो की सुर्ख़िया होती है वही समाज मे धर्म के नाम पर पनॅफने वाले ठेकेदारो को अपनी बाज़ार चलाने के लिये अख़बारो की सुर्ख़िया बटोरने मे लगे रहते है .