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सल्यूट : बेटी ने उधार लेकर अपने पिता का किया अंतिम संस्कार

झांसी | समय कुछ भी हो यदि बेटी है तो वह अपने माता पिता के लिए मदद हेतु सबसे पहले आती है ऐसी ही किया एक बेटी अपने पिता के लिए , बेटी अपने पिता का शव लेकर श्मशान भी गयी मजबूरी ऐसी कि पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके पास पैसा भी नहीं था, लेकिन पिता का अंतिम कर्ज तो चुकाना ही था। यह कर्ज उसने एक दूसरा कर्ज लेकर चुकाया। पड़ोसी से उधार पैसे लेकर बेटी ने पिता को अंतिम विदाई दी।झांसी के महेन्द्रपूरी निवासी नरसिंह चौहान मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले थे। वह यहां सूती मिल में काम करते थे। उसी दौरान थोड़ी-सी जमीन लेकर उन्होंने घर बनवा लिया।सूती मिल बंद होने पर वह मजबूरी कर परिवार भरण-पोषण करने लगे।उनके तीन बेटे वह एक बेटी थी। परिवार पर पहला दुख जब टूटा,जब दो बेटी की सप्रदंश से मृत्यु हो गयी।तीसरे विवाहित पुत्र की भी तबियत खराब रहने लगी और उनकी भी मृत्यु हो गयी।तब बेटी ने किरण भाई को मुखाग्नि दी।इस परिवार का संकट यहीं नहीं टला। बीमारी के कारण नरसिंह की भी मृत्यु हो गयी। स्थिति देखिए कि पिता का शव घर पर रखा हो,और बेटी के पास अंतिम संस्कार तक करने की व्यवस्था न रहे। किरन अपनी मां के साथ शव को घर पर रखकर ही विलाप करती रही ऐसे में पड़ोसी परिवार ने मानव दिखाते हुए किरण को कुछ मदद पेशकश की।किरण ने पड़ोसी से उधार पैसे लिए किरण ने खुद अपने पिता की चिता सजाई और अंतिम संस्कार किया।

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