Breaking News:

सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार को एमजी मोटर्स ने किया लॉन्च , जानिए खबर -

Sunday, April 28, 2024

देहरादून : भारूवाला ग्रांट वार्ड में सफाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

जौनपुर : परीक्षा में “जय श्रीराम ” लिख कॉपिया भरी, पास हुए, अब शिक्षक हुए निलंबित -

Saturday, April 27, 2024

तीन महिलाओं को “वैम्पायर फेशियल” करवाना भारी पड़ा, हो गईं एड्स की शिकार, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य: एक सतत प्रयास…. -

Saturday, April 27, 2024

देहरादून की ऋतु सिंह को “मिसेस स्कल्प्टेड परफेक्शन” का मिला खिताब, जानिए खबर -

Saturday, April 27, 2024

राष्ट्रपति ने मेडिकल के 598 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की -

Tuesday, April 23, 2024

देहरादून : जेल में कैद बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत -

Tuesday, April 23, 2024

“मिस टीन उत्तराखंड” का आयोजन -

Tuesday, April 23, 2024

सत्ता के खातिर समाज को बांटने के लिए धर्म और जातिवाद की राजनीति करते हैं नरेन्द्र मोदीः करन माहरा -

Tuesday, April 23, 2024

चारधाम : एक सप्ताह में 12.5 लाख रजिस्ट्रेशन -

Monday, April 22, 2024

उत्तराखंड : प्रदेश में ईवीएम से अंतिम रूप से 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ -

Monday, April 22, 2024

मजदूर का बेटा बना आईएएस अफसर -

Monday, April 22, 2024

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : नाबालिग रेप पीड़िता को 7 माह का गर्भ गिराने की दी इजाजत -

Monday, April 22, 2024

केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत, 40 हज़ार से अधिक लोग हुए बेघर -

Monday, April 22, 2024

देहरादून : केक खाने से किसी को हुई उल्टी तो कोई गश खाकर गिरा, जानिये खबर -

Sunday, April 21, 2024

दुष्कर्म का आरोप निकला झूठा, बा-इज्जत बरी हुए सैफ अली सिद्दीकी, जानिए खबर -

Friday, April 19, 2024

उत्तराखंड : 19 अप्रैल (कल) को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा मतदान -

Thursday, April 18, 2024

यूपीएससी परिणाम : जौनपुर जिले की सृष्टि मिश्रा पहले ही प्रयास में हासिल की 95 वीं रैंक -

Thursday, April 18, 2024

पहचान : राष्ट्र सेवा पुरस्कार से शिक्षाविद एवं समाजसेवी जितेंद्र कुमार डंडोना हुए सम्मानित -

Thursday, April 18, 2024



80 प्रतिशत कीटाणु हाथ छूने से फैलते है : डाॅ. गौरव संजय

देहरादून। कोरोना वायरस का संक्रमण आज एक वैश्विक महामारी हो गई है। इस संक्रमण से बचने के लिए हम सबको भरसक कोशिश करनी चाहिए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संजय आॅर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर व सेवा सोसाइटी जाखन, देहरादून के गिनीज एवं लिम्का बुक रिकार्ड होल्डर आॅर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डाॅ. बी. के. एस. संजय एवं आॅर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डाॅ. गौरव संजय द्वारा कोराना वायरस जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। डाॅ. गौरव संजय ने अपने सम्बोधन के दौरान बताया, कि लगभग 80 प्रतिशत कीटाणु हाथ छूने से फैलते है। अधिकांश संक्रमण लोगों की लापरवाही से फैलता है। अधिकतर लोगों में हाथ धोने की आदत आम नहीं हंै। इस तरह से वायरस का संचरण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में होता है। वास्तव में ऐसे लोग वायरस के लिये एक रोग वाहक का काम करते है । डाॅ. गौरव संजय ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को साफ रखना और हाथ धोने कीे आदत एक बहुत अच्छा, सस्ता एवं साधारण उपाय है और हम सबको इस संक्रमण से बचने के लिए “बचाव ही इलाज से बेहतर है“ की कहावत को हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए। कोरोना वायरस के संक्रमण ने इस समस्या को भलीभाँति उजागर कर दिया है। जैसा कि हमारे देश में भी कोरोना वायरस का संचरण का माध्यम इस तरह से हुआ कि एक व्यक्ति जो इटली से कोरोना वायरस से संक्रमित था लेकिन उसको संक्रमण इनक्यूवेसन पीरियड में था। जिससे उसमें वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे थे और उसने अन्जाने में अपने अन्य रिश्तेदारों एवं दोस्तों को भी संक्रमित कर दिया। डाॅ. बी. के. एस. संजय ने बताया कि अभिवादन संचार का एक माघ्यम है। हर एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से मिलने से पहले अभिवादन करता है। अभिवादन की प्रथा पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही है और यह सभी मानव संस्कृतियों में मौजूद है। हर संस्कृति में अभिवादन करने के तरीके अलग है। जिनमें हाथ मिलाना, गले मिलना इत्यादि। मुख्यतः अभिवादन में बोलना तथा इशारे ही प्रमुख है। अभिवादन का प्राथमिक लाभ किसी भी व्यक्ति के अस्तित्व और महत्व को स्वीकार करना है। डाॅ. संजय ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण का मुख्य कारण है लोगों का एक-दूसरे से शारीरिक संपर्क जैसे कि हाथ मिलाने की पाश्चातय् सभ्यता या गले मिलने की आदत पूर्वी देशों की सभ्यता है। संपर्क में आने से संक्रमण एक-दूसरे में फैलने की संभावना बढ़ जाती है। संक्रमण से बचने के लिए दूसरे प्रचलित अभिवादन की तुलना में भारतीय अभिवादन नमस्ते या नमस्कार की प्रथा सबसे अच्छा अभिवादन है।
डाॅ. बी. के. एस. संजय ने बताया कि संक्रमण कोई नई बात नहीं है, न ही अंतिम मौका है। आज लगभग पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित है। आज तक इस संक्रमण से दुनिया के लगभग ढाई लाख से ज्यादा व्यक्ति संक्रमित हो चुके है और लगभग दस हजार से ज्यादा व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। इस महामारी को देखते हुए सुझाव दिया जाता है कि लोग ज्यादा से ज्यादा अपने हाथ जोड़कर नमस्कार या फिर गर्दन को झुकाकर अभिवादन करने की आदत, एक अच्छी आदत होगी और जिससे संक्रमण रोकने में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। केवल हाथों को धोना, आपस में दूसरों से दूर रहना, खाँसते एवं छींकने पर मँुह को ढ़कने की आदत से काफी हद तक कोरोना वायरस के संक्रमण से हम खुद एवं दूसरों को बचा सकते है। कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी तक कोई दवाई या वैक्सीन नहीं है। यदि किसी को खाँसी, जुकाम और  बुखार है और इनमें से कोई ऐसा लक्षण जो कोरोना वायरस जैसा महसूस हो रहा हो तो फिर ऐसे में किसी सरकार द्वारा चिन्हित अस्पताल में जाकर डाॅक्टर को दिखाऐं एवं जाँच कराये और 14 दिन के लिए पृथकीकरण या आइसोलेशन के नियम का पालन करे और इलाज कराये। इससे बचने के लिए सावधानियाँ ही आज की आवश्यकता है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई आने वाले रविवार, 22 मार्च 2020 को “जनता कफ्र्यू“ की अपील कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में एक कामयाब कदम होगा। अपने और जन हित को ध्यान में रखते हुए इस हम सब को इस “जनता कफ्र्यू“ को सफल बनाने में सहयोग देना चाहिए।

Leave A Comment