Breaking News:

उत्तराखंड : 1094 कनिष्ठ अभियन्ताओं को प्रदान किये नियुक्ति पत्र -

Friday, September 20, 2024

विभागीय परिषद के गठन से छात्र-छात्राएं बनेंगे शैक्षिक गतिविधियों के सहभागी, जानिए खबर -

Friday, September 20, 2024

क्षमा का जीवन में महत्व और उसकी उपयोगिता का महत्व…… -

Friday, September 20, 2024

हौसले और हुनर की मिसाल – क़्वीन ऑफ केक्स शिल्पी कुकरेती -

Friday, September 20, 2024

पत्रकार को रेप के झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी,जानिए खबर -

Friday, September 20, 2024

जरा हटके : नंदिनी गर्ग ने जीता मिस टीन हरिद्वार 2024 का खिताब -

Wednesday, September 18, 2024

सरकारी जमीन फर्जीवाड़े में एसडीएम ही फस गए, जानिए खबर -

Wednesday, September 18, 2024

ठगी की शिकार : नौकरी के नाम पर महिला से लाखों की ठगी -

Wednesday, September 18, 2024

तीन दरोगाओं के हुए तबादले, जानिए खबर -

Wednesday, September 18, 2024

ऋषिकेश : भाई को बचाने के लिए गंगा में कूदी दो बहनें, तलाश जारी -

Wednesday, September 18, 2024

दिव्यंगता को रोकने के लिए जन जागरूकता जरूरी, जानिए खबर -

Tuesday, September 17, 2024

उत्तराखंड : राज्य में प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल होगी “हॉफ” -

Monday, September 16, 2024

दिव्यांग शिविर 28 और 29 सितंबर को, बनाए जाएंगे लाभार्थियों के कृत्रिम अंग -

Monday, September 16, 2024

रहे सतर्क : कार में लिफ्ट देकर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार -

Monday, September 16, 2024

सुंदर नाटिका “मैना सुंदरी” का आयोजन, जानिए खबर -

Monday, September 16, 2024

गंगा में बहे दो किशोर, एक का शव मिला , दूसरे की तलाश जारी -

Sunday, September 15, 2024

मिस उत्तराखंड के लिए ऑडिशन का हुआ आयोजित, 100 से अधिक लड़कियों ने लिया भाग -

Sunday, September 15, 2024

सीएम धामी ने किया उत्तराखण्ड प्रिमियर लीग का शुभारम्भ -

Sunday, September 15, 2024

21 सितंबर को देहरादून में अंतर विभागीय क्रिकेट प्रतियोगिता का होगा शुभारम्भ, जानिए खबर -

Sunday, September 15, 2024

बंद होने वाला है राजधानी का पहला आईएसबीटी बिग बाजार मॉल, जानिए खबर -

Tuesday, September 10, 2024



राज्य में धार्मिक पर्यटन की तस्वीर को बदल देगा उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड

देहरादून | उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने राज्य में स्थापित मंदिरों की व्यवस्था को एकरूपता देने और राज्य में चार धाम यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड बनाकर एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार को उम्मीद है कि इस व्यवस्था के बाद राज्य में चार धाम यात्रा पहले के कहीं अधिक सुचारू रूप से चलेगी। राज्य में मंदिरों की देखभाल ठीक तरीके से हो सकेगी और देवसंस्कृति के वाहक पुरोहित समाज को भी पहले से अधिक सुविधाएं मिल दी जा सकेंगी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बोर्ड के गठन के बाद न सिर्फ उत्साहित हैं बल्कि उम्मीद जता रहें हैं कि ये बोर्ड राज्य में धार्मिक पर्यटन की तस्वीर को बदल कर रख देगा।

प्रमुख उद्देश्य राज्य के मंदिरों में आधारभूत ढांचागत विकास करना

देवस्थानम बोर्ड बनाने के पीछे उत्तराखंड सरकार का प्रमुख उद्देश्य राज्य के  मंदिरों में आधारभूत ढांचागत विकास करना है। इस बोर्ड के अधीन राज्य के चारों धाम और 51 मंदिर आएंगे। इन मंदिरों में देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में इन मंदिरों में विश्व स्तरीय सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा। सरकार अब राज्य में धार्मिक पर्यटन पर आने वालों के लिए सिंगल प्वाइंट अरेंजमेंट की ओर कदम बढ़ा रही है।

पुरोहितों के हित सुरक्षित

देवस्थानम बोर्ड के गठन के ऐलान के साथ ही इसका विरोध भी पटल पर आ गया। बड़ी संख्या में पुरोहित समाज के लोगों ने इस बोर्ड के गठन के विरोध में मोर्चा खोल दिया। हालांकि इस बोर्ड गठन के बाद अब पुरोहित समाज का बड़ा तबका इसके समर्थन में आ गया है। वहीं सरकार शुरुआत से इस बात का दावा करतीरही है कि इस बोर्ड के गठन से पुरोहित समाज के हितों की अनदेखी किसी स्तर पर नहीं होगी। रावत और पुरोहितों की सदियों पुरानी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आएगा। प्रबंधन के स्तर पर बोर्ड व्यवस्थाओं को बेहतर करेगा। इसी लिहाज से सरकार ने बोर्ड में चारों धामों के प्रतिनिधियों को भी स्थान दिया है।  सरकार की माने तो इस बोर्ड के गठन के बाद चारों धामों की व्यवस्था में समन्वय बनेगा।

देखे वीडियो

धार्मिक तीर्थाटन को भविष्य के लिहाज से व्यवस्थित करना

त्रिवेंद्र सरकार राज्य में धार्मिक तीर्थाटन को भविष्य के लिहाज से व्यवस्थित करना चाहती है। वैष्णो देवी और तिरुपति बालाजी जैसे मंदिरों में की गई व्यवस्थाओं के मुताबिक ही त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड के मंदिरों में भी व्यवस्थाएं करना चाहती है। सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य के मंदिरों में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा। हालांकि सरकार के प्रयासों से चार धामों में आने वाले यात्रियों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। फिलहाल तकरीबन चालीस लाख पर्यटक पहुंच रहें हैं। राज्य में जारी ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण के बाद पर्यटकों की संख्या करोड़ों में पहुंच सकती है। ऐसे में राज्य के मंदिरों की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार को इस तरह के बोर्ड के गठन की जरूरत महसूस हो रही थी।

Leave A Comment