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राज्यपाल ने किया बसंतोत्सव का उद्घाटन

अकरकरा पुष्प के डाक कवर का अनावरण किया

देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में दो दिवसीय बसंतोत्सव 2019 का उद्घाटन किया। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर संगीत के मध्य राज्यपाल मौर्य ने रिबन काटकर तथा रंग बिंरगे गुब्बारे हवा में छोड़कर पुष्प प्रदर्शनी का उदघाटन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा निर्मित अकरकरा पुष्प के विशेष कवर को भी लांच किया। इसके साथ ही राज्यपाल ने देहरादून डाक प्रमण्डल द्वारा लगाई गई डाक टिकट प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। राज्यपाल ने राजभवन प्रांगण में स्थापित सभी पुष्प स्थलों के साथ-साथ अन्य कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प उत्पादों के स्थलों का अवलोकन किया और पुष्प उत्पादकों व्यवसायियों तथा किसानों का उत्साहवर्धन भी किया। राज्यपाल द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले दिव्यांग बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। दो दिवसीय प्रदर्शनी का समापन रविवार अपरान्ह 3.00 बजे होगा। मीडिया से वार्ता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुष्प प्रदर्शनी का मुख्य उददेश्य स्थानीय काश्तकारों को पुष्प उत्पादन के लिये प्रोत्साहित करना है। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाये गये स्थलों की सहाहना करते हुए कहा कि मानो फूलों की घाटी स्वयं देहरादून में अवतरित हो गई है। इस अवसर पर कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल भी उपस्थित थे। बसंतोत्सव में कट फ्लावर (पारम्परिक) प्रतियोगिता में 494 प्रतिभागी, कट फ्लावर (गैर पारम्परिक) श्रेणी में 99 प्रतिभागी, पाॅटेड प्लान्ट श्रेणी में 24, लूज फ्लावर श्रेणी में 31, पाॅटेड प्लान्ट (गैर पुष्प) श्रेणी में 54, कैक्टस श्रेणी में 27, हैंगिंग पाॅट श्रेणी में 17, आॅन स्पाॅट फोटोग्राफी में 150, फ्रेश पेटल रंगोली में 27 और पंेटिंग प्रतियोगिता में 808 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लिया गया है। कुल 1731 प्रतियोगियों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया गया है। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जायेगें। इस प्रकार कुल 150 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त 10 मार्च को पुरस्कार विजेताओं को प्रदान किये जायेंगे। इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा योग मुद्राओं पर अधारित मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने खुखरी नृत्य का प्रदर्शन किया। आईटीबीपी के जवानों द्वारा जूड़ों-कराटे की कला का प्रदर्शन किया गया। उद्यान निदेशक आर सी श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2003 से राजभवन पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य के गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 150 हेक्टेयर में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1533 है0 क्षेत्रफल हो गया है, जिसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यवसायिक उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में कुल 2539 मै0टन लूज फ्लावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा एवं अन्य) तथा 15.50 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन हो रहा है। कटफ्लावर का उत्पादन के मुख्य रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल तथा अल्मोड़ा जनपदों में किया जाता है। राज्य में लगभग रू0 200.00 करोड़ के फूलों का व्यापार किया जा रहा है। इस दो दिवसीय आयोजन में राज्य के 32 विभागों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।

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