डे-नाइट टेस्ट को लेकर सीए और बीसीसीआई में तनातनी
आज जेम्स सदरलैंड सीईओ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने कहा कि भारत इस साल के आखिर में होने वाली टेस्ट सीरीज के दौरान डे-नाइट टेस्ट मैच में खेलने से इसलिए मना कर रहा है क्योंकि वह हर हाल में ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर जीत दर्ज करना चाहता है जबकि बीसीसीआई इस प्रस्तावित मैच को नामंजूर करने पर अडिग है। सदरलैंड को लगता है कि भारत के खिलाफ छह से दस दिसंबर के बीच एडिलेड में गुलाबी गेंद से मैच के आयोजन का फैसला करना सीए का विशेषाधिकार है लेकिन बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय ने फिर से स्पष्ट किया है कि दिन रात्रि टेस्ट मैच नहीं होगा। सदरलैंड ने एसईएन रेडियो से कहा, मेरी निजी राय है कि मेजबान देश को मैचों का कार्यक्रम तय करने का अधिकार होना चाहिए और वह जिस समय चाहे तब इन मैचों की शुरुआत कर सकता है। बीसीसीआई सीओए प्रमुख राय ने हालांकि कहा कि भारत के मना करने को यह नहीं माना जाना चाहिए दोनों बोर्ड इसको लेकर टकराव की स्थिति में है। उन्होंने कहा, मैं इसे टकराव का कारण नहीं मानता। खेल की परिस्थितियों पर दोनों बोर्ड को मिलकर फैसला करना होता है। जो भी होगा उस पर आपसी सहमति होगी। लेकिन मैं फिर से साफ कर दूं कि भारत गुलाबी गेंद वाले टेस्ट मैच में नहीं खेलेगा। ऑस्ट्रेलिया में 2015 से लगातार डे-नाइट टेस्ट मैचों का आयोजन किया जा रहा है। एडिलेड में अब तक तीन जबकि ब्रिसबेन में एक दिन रात्रि टेस्ट मैच आयोजित किया गया और ऑस्ट्रेलिया ने इन सभी में जीत दर्ज की। सदरलैंड ने यहां तक कहा कि भारत खेल के भविष्य के बजाय केवल सीरीज जीतने पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा, भारत भले ही इस दौरे में इस विचार को स्वीकार नहीं करे लेकिन मेरा मानना है कि यह भविष्य है। मुझे लगता है कि विश्व क्रिकेट में हर कोई इसे समझता है। सदरलैंड ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि वे यहां आकर हमें हराना चाहते हैं। सच्चाई यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने अब तक अपनी सरजमीं पर दूधिया रोशनी में खेले गये सभी मैच जीते हैं और लोगों को लगता है कि इससे हम थोड़े फायदे की स्थिति में रहेंगे। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि जीत को लक्ष्य बनाने में कोई बुराई नहीं है।